Crop Loss: पहले सूखा और अब पीला मोजेक रोग का सामना कर रही सोयाबीन की फसल

Crop Loss: पहले सूखा और अब पीला मोजेक रोग का सामना कर रही सोयाबीन की फसल

राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में सूखे के हालात को लेकर बैठक तो की लेक‍िन अब तक प्रभाव‍ित ज‍िलों के क‍िसानों को राहत देने के ल‍िए कोई काम नहीं क‍िया है. क‍िसान खराब फसल का पंचनामा बनाकर आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं. 

Advertisement
Crop Loss: पहले सूखा और अब पीला मोजेक रोग का सामना कर रही सोयाबीन की फसलसोयाबीन की फसलों पर पीला मोज़ेक रोग का बढ़ा प्रकोप

महाराष्ट्र में किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है. राज्य के कई जिलो में बारिश में देरी के कारण खरीफ सीजन की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. ऐसे में निराश किसान अपने फसलों पर  ट्रैक्टर चलाकर खेत से फसल निकाल रहे हैं. वहीं नांदेड़ जिले में सोयाबीन किसानों पर नया संकट आ गया है. सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक रोग का हमला हो गया है. पहले फसल ने सूखा झेला और अब वो रोग का सामना कर रही है. जिले में सोयाबीन की फसल फूल आने के साथ-साथ फली भरने की अवस्था में है. लेक‍िन खड़ी फसल पर पीला मोजेक के हमले ने संकट बढ़ा द‍िया है. कई जगहों पर फसल बर्बाद होने से किसान हताश हो गए हैं. आख‍िर क‍िसान क‍िस-क‍िस चीज का सामना करें.  

राज्य में एक तरफ जहां बारिश की कमी से त्राहि-त्राहि मची हुई है तो वहीं दूसरी ओर फसलें बीमारियों की चपेट में आ रही हैं. शुरुआत में फसलें घोघों की चपेट में रहीं. बाद में सूखे की और अब रोगों का सामना कर रही हैं. इस समय पानी की कमी के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. नांदेड़ जिल के अर्धपुर तालुका के निवासी किसान केशव नाद्रे ने अपने तीन एड़क में सोयाबीन की खेती की थी, फसलों पर पीला मोजेक रोग के अटैक होने से फसलें पीली पड़ने लगी. जिसके बाद किसान को मजबूरन खेत से फसलों को काटकर निकालना पड़ा.

ये भी पढ़ें- Tomato Price: क‍िसानों ने सड़क पर फेंका टमाटर, खेत से मंडी तक ले जाने का खर्च तक न‍िकालना मुश्क‍िल

किसान ने सुनाई आपबीती 

अर्धपुर तालुका के लाहा गांव के किसान केशव नाद्रे बताते हैं कि इस खरीफ सीजन में बड़ी उम्मीद के साथ सोयाबीन खेती की थी. उन्होंने अपने तीन एकड़ खेत में सोयाबीन की फसल लगाई थी. इस साल बारिश ने किसानों को बहुत रुलाया है. पहले बुवाई के समय हल्की बारिश हुई, उसके बाद सूखे ने रुलाया. हालांकि, एक-दो से बारिश हो रही है. लेक‍िन जो फसल पहले सूखा झेल चुकी है वो अब बार‍िश से क‍ितनी बढ़ेगी. 

यह तो अलग बात थी सोयाबीन की फसलों पर रोगों का अटैक बढ़ने लगा है. सोयाबीन पीला मोज़ेक रोग से प्रभावित होने के कारण फसल में एक भी फली नहीं आई. फसल पूरी फसल खराब हो गई. ऐसे में फसल को खेत से निकाल कर फेंकना पड़ा. नाद्रे बताते हैं कि जिले में अधिकतर किसान सोयाबीन की ही खेती करते हैं. इस समय सभी किसान इस इस समस्या से परेशानी में हैं.

किसान सरकार से तत्काल मांग रहे हैं सहायता

राज्य में नांदेड़ और वर्धा समेत कई जिलों में सोयाबीन और कपास की फसल बुरी तरह से प्रभाव‍ित हुई है. ऐसे में क‍िसानों की लागत भी नहीं न‍िकलने का अनुमान है. किसानों का कहना है कि अब तो हाथ से खरीफ सीजन चला गया. राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में सूखे के हालात को लेकर बैठक तो की लेक‍िन अब तक प्रभाव‍ित ज‍िलों के क‍िसानों को राहत देने के ल‍िए कोई काम नहीं क‍िया है. क‍िसान खराब फसल का पंचनामा बनाकर आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Onion subsidy : किसानों की नाराजगी के बीच आठ महीने बाद अब ट्रांसफर की गई प्याज सब्सिडी, जानिए इसके बारे में सबकुछ

POST A COMMENT