कपास के कम उत्पादन अनुमानों के बीच महाराष्ट्र की कई मंडियों में इसका दाम एमएसपी से अधिक हो गया है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल कपास का दाम 10000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है. औरंगाबाद के फुलंब्री मंडी में 22 अप्रैल को आवक कम होने के बाद दाम ऊपर चढ़ गए. मंडी में कुल सिर्फ 104 क्विंटल कपास की आवक हुई इसलिए इसका दाम 8000 रुपये क्विंटल हो गया. इस वक्त राज्य की अधिकांश मंडियों में कपास का दाम 6500 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है.
केन्द्र सरकार ने 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए मध्यम रेशेवाली कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6080 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6620 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. इसी तरह लंबे रेशेवाली किस्म का एमएसपी 6380 से बढ़ाकर 7020 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अधिकांश मंडियों में इस वक्त किसानों को एमएसपी से अधिक भाव मिल रहा है.
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केंद्र सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल से कम है. पिछले साल मतलब वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. एक गांठ में 170 किलोग्राम की होती है. बताया गया है कि पिछले सप्ताह कपास के उत्पादन में कमी का अनुमान आने के बाद दाम में थोड़ा सुधार की उम्मीद थी लेकिन उतना दाम नहीं मिल रहा है. जितना किसान उम्मीद कर रहा है. एक बार दाम 8300 रुपये तक पहुंचकर फिर से वापस गिरने लगा है. गुलाबी सुंडी के प्रकोप, अलनीनो के असर और अन्य कारणों की वजह से इस बार कपास का उत्पादन कम होने का अनुमान है.
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