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क्या छत्तीसगढ़ में 1 मार्च तक होगी धान की खरीद? आखिर कांग्रेस ने क्यों की समय सीमा बढ़ाने की मांग

क्या छत्तीसगढ़ में 1 मार्च तक होगी धान की खरीद? आखिर कांग्रेस ने क्यों की समय सीमा बढ़ाने की मांग

राज्य कांग्रेस प्रमुख और सांसद दीपक बैज ने बुधवार को एक बयान में कहा कि धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि खरीद का लक्ष्य हासिल किया जा सके और किसान अपनी उपज बेच सकें.

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छत्तीसगढ़ में धान की खरीद. (सांकेतिक फोटो) छत्तीसगढ़ में धान की खरीद. (सांकेतिक फोटो)

छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाने की मांग की है. साथ ही उसने दावा किया है कि पांच लाख से अधिक किसानों ने अभी तक अपनी उपज नहीं बेची है. पिछले साल 1 नवंबर को शुरू हुआ खरीद अभियान 31 जनवरी को समाप्त होने वाला है. राज्य कांग्रेस प्रमुख और सांसद दीपक बैज ने बुधवार को एक बयान में कहा कि धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि खरीद का लक्ष्य हासिल किया जा सके और किसान अपनी उपज बेच सकें. कांग्रेस की माने तो राज्य में अभी भी भारी संख्या में किसानों ने धान नहीं बेचा है. ऐसे में उन्हें एक महीने का अभी और समय मिलना चाहिए.

उन्होंने दावा किया कि पांच लाख से अधिक किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है. दीपक बैज ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश देने से पहले, बड़ी संख्या में किसान पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान पहले ही बेच चुके थे और उन्हें अभी भी अतिरिक्त एक क्विंटल धान बेचना बाकी है. उन्होंने कहा कि  पिछली कांग्रेस सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था. अब, प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीद के फैसले के बाद, खरीद लक्ष्य भी बढ़ जाएगा.

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कांग्रेस की ये है सरकार से मांग

बैज ने कहा कि किसानों से कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, इसलिए धान खरीद अभियान को एक महीने तक बढ़ाया जाना चाहिए. बैज ने धान खरीद केंद्रों पर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया. साथ ही दावा किया कि किसानों को (उनके धान खरीदने के लिए) टोकन जारी करने और उपज की तौल करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है.

बीजेपी का क्या था वादा

उन्होंने आगे दावा किया कि जैसा कि भाजपा ने वादा किया था, किसानों को अभी तक प्रति क्विंटल धान का 3,100 रुपये नहीं मिला है और खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है (जो कि सामान्य ग्रेड धान के लिए 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2,203 रुपये है). बैज ने कहा कि पिछले महीने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य की भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए अनुपूरक बजट में, धान खरीद के लिए कोई वित्तीय प्रावधान नहीं किया गया था. ऐसे में उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसानों को प्राथमिकता के आधार पर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल प्रदान किया जाना चाहिए.

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17,773 करोड़ रुपए का भुगतान

बता दें कि 8 जनवरी को खबर सामने आई थी कि छत्तीसगढ़ में किसानों से 80 लाख टन से अधिक धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा चुका है. इसके बदले किसानों के खातों में हजारों करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान किया गया है. राज्य ने तब किसानों से 82.44 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की थी. धान के एवज में किसानों को 17,773 करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान किया गया था.