सपा सरकार लगाना चाहती थी बूचड़खाना, हमारी सरकार ने अन्नदाता किसानों के लिए लगाया एथेनॉल प्लांट: CM योगी

सपा सरकार लगाना चाहती थी बूचड़खाना, हमारी सरकार ने अन्नदाता किसानों के लिए लगाया एथेनॉल प्लांट: CM योगी

केयान डिस्टलरीज की 31 एकड़ में लग रही यूनिट में 300 किलो लीटर प्रतिदिन एथेनाल और 200 किलो लीटर प्रतिदिन ईएनए की उत्पादन क्षमता का प्लांट होगा. 

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सपा सरकार लगाना चाहती थी बूचड़खाना, हमारी सरकार ने अन्नदाता किसानों के लिए लगाया एथेनॉल प्लांट: CM योगीसीएम योगी ने गोरखपुर में 1200 करोड़ रुपये वाले एथेनॉल प्लांट का किया भूमिपूजन (फोटो- सीएम मीडिया सेल)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर के गीडा सेक्टर 26 में मेसर्स केयान डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड के 1200 करोड़ रुपये के निवेश वाले एथेनॉल व ईएनए प्लांट का भूमिपूजन व शिलान्यास किया. जनसमूह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि नए एथेनॉल प्लांट की शुरुआत होने से सहजनवा का विकास ग्रीन एनर्जी के नए केंद्र के रूप में होगा. ग्रेन बेस्ड एथेनॉल प्लांट लगने से अन्नदाता किसानों की आमदनी तो कई गुना बढ़ेगी ही, ऊर्जा व पेट्रोलियम के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी. यही नहीं पेट्रो पदार्थों के लिए विदेश जाने वाला पैसा किसानों को जेब मे जाएगा. किसान समृद्ध होंगे तो देश समृद्ध होगा. किसानों को वेस्ट से भी कमाई होगी. 

सपा सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सहजनवा के जिस भीटी रावत में एथेनॉल प्लांट लगने जा रहा है, वहीं 10 वर्ष पूर्व सपा सरकार बूचड़खाना लगाना चाहती थी. विरोध हुआ आंदोलन करके उसे रोका गया. अगर यहां सपा सरकार का थोपा बूचड़खाना का कलंक होता तो अन्य कोई उद्योग नहीं लग पाता. उन्होंने कहा कि गीडा में सीपी मिल्क की तरफ से डेरी उद्योग, तत्वा प्लास्टिक की तरफ से पाइप निर्माण उद्योग, वरुण ब्रेवरेज की तरफ से बॉटलिंग प्लांट और केंद्रीय भंडारण निगम की तरफ से वेयरहाउस का निर्माण किया जा रहा है. अंकुर उद्योग का इस्पात प्लांट शुरू हो चुका है.

निवेश, रोजगार और विकास का संगम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहजनवा और गीडा में निवेश, रोजगार व विकास कार्यों का संगम देखने को मिल रहा है. अकेले भीटी रावत में 207 एकड़ में औद्योगिक विकास की प्रक्रिया आगे बढ़ी है. 25 एकड़ में गारमेंट पार्क का भी निर्माण किया जा रहा है. 

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दुनिया में गारमेंट उत्पादों की काफी मांग है और यदि महिलाओं को प्रशिक्षित कर इस सेक्टर से जोड़ दिया जाए तो घरेलू कामकाज निपटाते हुए भी महिला 10,000 से 15,000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती है. गारमेंटट पार्क के लिए 101 भूखंडों का विकास किया जा रहा है. इसके साथ ही गारमेंट सेक्टर के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स भी बनाया जा रहा है.

योगी ने कहा कि 92 यूनिटों वाले प्लास्टिक पार्क का विकास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि भीटी रावत में एक पॉलिटेक्निक का निर्माण भी शीघ्र पूरा होगा. उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस पॉलिटेक्निक में ऐसे ट्रेड शुरू किए जाएं जो गीडा के उद्योगों से मिलते जुलते हों। मुख्यमंत्री ने गीडा प्रशासन ने कहा कि वह गीडा में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने पर भी ध्यान दे. सीएम इंटर्नशिप योजना से  युवाओं को उद्योगों के साथ जोड़ा जाए. इसमें प्रशिक्षण की अवधि में आधा मानदेय सरकार देगी व आधा मानदेय उद्योग की तरफ से दिया जाएगा.

कांग्रेस-सपा जब भी मिलती हैं, अनर्थ ही करती हैं

दक्षिणांचल में औद्योगिक विकास को लेकर तैयार की जा रही परियोजना का जिक्र करने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस व सपा जब भी मिलती हैं, तब अनर्थ ही करती हैं. जनता के पैसे से धुरियापार में चीनी मिल लगा दी गई जबकि वहां एक डंठल गन्ना पैदा नहीं होता। वह मिल एक दिन भी नहीं चली और कंडम हो गई.

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सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार धुरियापारमें 8385 एकड़ में नया औद्योगिक नगर बसाने जा रही है. इससे काम की तलाश में बैंकाक, सिंगापुर, लाओस आदि देशों को जाने वाली दक्षिणांचल के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिए निवेश मित्र, निवेश सारथी जैसे सिंगल विंडो सिस्टम लागू किए गए हैं. इससे कार्यालय का चक्कर लगाने, बाबूगिरी व घूसखोरी से मुक्ति मिली है. 

दो हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

बता दें कि केयान डिस्टलरीज की 31 एकड़ में लग रही यूनिट में 300 किलो लीटर प्रतिदिन एथेनाल और 200 किलो लीटर प्रतिदिन ईएनए की उत्पादन क्षमता का प्लांट होगा. इसके क्रियाशील होने पर एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष और एक हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिल सकेगा. यह इंडस्ट्री ग्रेन बेस्ड (अनाज आधारित) होगी यानी यहां उत्पादन के लिए चावल, मक्का व अन्य अनाज का प्रयोग किया जाएगा. खास बात यह भी है कि यहां धान की भूसी और अन्य फसल अवशेष से चलने वाला बॉयलर व 15 मेगावाट टरबाइन का पॉवर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा. इंडस्ट्री की जरूरत के बाद अवशेष बिजली बेच दी जाएगी.

 

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