देश के लगभग सभी राज्यों में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई शुरू हो गई है. ऐसे में इस साल जल्दी गर्मी आने और मौसम में लगातार हो रही बदलाव के बीज गेहूं की उत्पादन को लेकर अच्छी खबर है. दरअसल, राजस्थान के कुछ जिलों को छोड़कर, गेहूं के सभी उत्पादक राज्यों में इस साल अब तक फसल उत्पादन की स्थिति को लेकर कोई चिंता नहीं है. किसानों को उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में पैदावार कम से कम 10 प्रतिशत अधिक होगी.
वहीं. सरकार ने गेहूं उत्पादन 115 मिलियन टन (एमटी) से अधिक होने का अनुमान लगाया है, जबकि मिल मालिकों को यह लगभग 110 एमटी तक होने की उम्मीद है. हालांकि, व्यापार में कुछ लोग दोनों संख्या के लिए तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि उत्पादन केवल 104-106 एमटी हो सकता है.
जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम किस्मों की समय पर बुवाई और रोपण को फसल की अच्छी स्थिति का श्रेय दिया जा रहा है. सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जलवायु की अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए गेहूं के तहत लगभग 67 प्रतिशत क्षेत्र को नई किस्मों से कवर किया गया है.
जयपुर में एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि गेहूं के सिकुड़ने के कारण राज्य के कुछ इलाकों में गेहूं फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहा है. ऐसे में एक केंद्रीय टीम पहले से ही राजस्थान के प्रभावित जिलों (झालावाड़ और प्रतापगढ़) का दौरा कर रही है और सरकार जल्द ही उचित औसत गुणवत्ता मानदंडों में ढील दे सकती है, ताकि उन क्षेत्रों में भी खरीद को गति मिल सके जहां फसल आनी शुरू हो गई है.
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मध्य प्रदेश और राजस्थान ने 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के अलावा बोनस देने की घोषणा की है. नतीजतन, पड़ोसी गुजरात में गेहूं की औसत कीमत करीब 2,550 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है. इन तीनों राज्यों में गेहूं की फसल पहले कटनी शुरू हो जाती है, जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अप्रैल के मध्य के बाद गेहूं की कटाई शुरू होती है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि गुजरात में 30 फीसदी, मध्य प्रदेश में 20 फीसदी और राजस्थान में करीब 10 फीसदी गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है. राजस्थान सरकार ने खरीद शुरू करने के तुरंत बाद करीब 40 टन गेहूं की खरीद कर ली है. मध्य प्रदेश और गुजरात में इस सप्ताह से खरीद शुरू होने की उम्मीद है, वहीं, गेहूं उत्पादक राज्यों के किसान और कृषि वैज्ञानिक मौजूदा फसल की स्थिति के अनुसार पिछले साल की तुलना में अधिक उत्पादन के बारे में एकमत हैं.
मध्य प्रदेश के देवास के किसान सुनील मुखाती गुरुवार को अपनी गेहूं की फसल की कटाई से खुश थे. इसके दो कारण हैं. पहला, रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उनके बेहतरीन क्वालिटी वाले गेहूं के खुले बाजार में कीमत लगभग 2,800-3,000 रुपये प्रति क्विंटल है. दूसरा, पिछले साल की तुलना में इस साल उपज अधिक है. किसान सुनील मुखाती ‘बिजनेसलाइन’ को बताया कि इस साल मुझे प्रति एकड़ 2-2.5 टन उपज मिल सकता है, जो पिछले साल 1.5-1.6 टन मिला था.
सुनील मुखाती ने बताया कि उन्होंने ऐसी किस्मों को चुना जो जलवायु परिवर्तन को झेल सकती हैं. मुखाती ने यह भी कहा कि उनके पड़ोस और पूरे राज्य में किसान अच्छी फसल की रिपोर्ट कर रहे हैं. उन्होंने इस साल अपनी फसल जल्दी लगाई थी. इसी तरह, मध्य प्रदेश के उज्जैन के आनंद सिंह अंजना ने कहा कि उन्होंने अगले दो हफ्तों में फसल काटने की योजना बनाई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मेरी फसल अच्छी दिख रही है और मुझे इस साल बेहतर उपज की उम्मीद है.
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के किसान सुखविंदर पाल सिंह ने कहा कि फसल बहुत अच्छी स्थिति में है और जल्द ही कटाई हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी स्थान से या पड़ोसी जिलों से अनाज के सिकुड़ने की कोई रिपोर्ट नहीं है.
सरकार ने 2025-26 के खरीद सत्र में 31.27 मिलियन टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. इसमें से पंजाब के लिए 12.4 मिलियन टन, हरियाणा के लिए 7.5 मिलियन टन, मध्य प्रदेश के लिए 6 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश के लिए 3 मिलियन टन और राजस्थान के लिए 2 मिलियन टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
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