पंजाब और हरियाणा में इस साल बासमती चावल का बंपर उत्पादन की उम्मीद है. इससे बासमती के निर्यातकों के चेहरे खिल गए हैं. उन्हें उम्मीद है कि उत्पादन बढ़ने से बासमती के एक्सपोर्ट में इजाफा होगा. हालांकि, बासमती के निर्यात के ऊपर सरकार ने शर्तें लगा रखी हैं. इसके बावजूद भी भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बासमती के निर्यात में लगभग 25 फसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो 48389.21 करोड़ रुपये है. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इस उछाल से बासमती की कीमतों में तेजी भी आ सकती है, जिससे स्थानीय किसानों को भी फायदा होगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 38,524.10 करोड़ रुपये मूल्य के 45.61 लाख टन बासमती का निर्यात किया था. पिछले चार वर्षों में, बासमती निर्यात में 83 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखी गई है. यही वजह है कि साल 2021-22 में 26,415 करोड़ रुपये से बढ़कर बासमती का निर्यात 2023-24 में 48389 करोड़ रुपये का हो गया.
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2023-24 में बासमती का निर्यात 150 देशों को किया गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 149 देशों को किया गया था. एपीडा द्वारा जारी मासिक निर्यात आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से मई के दौरान भारत के निर्यात में 13.11 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 917 मिलियन डॉलर की तुलना में 1,037 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. मात्रा के मामले में सऊदी अरब भारतीय बासमती का सबसे बड़ा आयातक था, जिसने 10.98 लाख टन आयात किया. उसके बाद इराक और ईरान क्रमशः 8.24 लाख टन और 6.7 लाख टन के साथ दूसरे स्थान पर रहे. अन्य प्रमुख आयातक यमन गणराज्य 3.07 लाख टन, UAE 3.08 लाख टन, अमेरिका 2.34 लाख टन, UK 1.85 लाख टन, कुवैत 1.79 लाख टन, ओमान 1.64 लाख टन और कतर ने 1.15 लाख टन बासमती का आयात किया है.
पश्चिम एशिया से मजबूत मांग के कारण यह उछाल आया है. बासमती की कीमतें 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं, जबकि प्रीमियम क्वालिटी की बासमती 5,500 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है. व्यापारियों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो सितंबर में कटाई के मौसम में कीमतों में तेजी आ सकती है. मांग और निर्यात में वृद्धि के बाद, पंजाब और हरियाणा में बासमती की खेती का रकबा भी बढ़ गया है. व्यापारियों ने इस साल रिकॉर्ड उत्पादन की भविष्यवाणी की है.
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पिछले साल, पंजाब में खरीफ सीजन के दौरान बासमती की खेती के रकबे में 16 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो कुल 32 लाख हेक्टेयर धान के रकबे में से लगभग 6 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जबकि 2022 में यह 4.95 लाख हेक्टेयर था. इस साल, राज्य कृषि विभाग का अनुमान है कि पंजाब में रकबा लगभग 10 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है, जो हरियाणा के लगभग 7.80 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जो देश में सबसे अधिक है.
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