Rakesh Tikait News: अपनी मांगों को लेकर ही एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ में 18 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत से पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत यूपी सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रहे हैं. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में कहा कि लखनऊ में होने वाली महापंचायत में सरकार को किसान अपनी ताकत दिखाएंगे. क्योंकि सरकार बिना पंचायतों के किसानों की समस्याओं को नहीं सुन रही है. उन्होंने महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में किसानों को पहुंचने का आह्वान किया. टिकैत ने कहा कि 18 सितंबर को लखनऊ में होने वाली महापंचायत किसानों का भविष्य तय करेगी. वर्तमान में प्रदेश के किसान दुखी है.
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, लेकिन एक साल के लिए फ्री बिजली किसानों को नहीं दिया गया. यह एक बड़ा मुद्दा है. आज किसानों के ट्यूबवेल पर बिजली मीटर लगाए जा रहे हैं. वहीं गन्ना का रेट अबतक नहीं बढ़ाया गया. उन्होंने आगे कहा कि अब गन्ना का रेट नहीं बढ़ेगा तो कब बढ़ेगा. आज गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. उसका ब्याज अगल से बकाया चल रहा है.
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टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ-साथ किसानों की कई ऐसी मांगे हैं, जो सरकार के पास लंबित हैं. लेकिन सरकार किसानों के लिए कोई ठोस और पुख्ता कदम नहीं उठा रहा है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को एक चिट्टी केंद्र सरकार को लिखना चाहिए, उनको कहना चाहिए कि आज हमारे प्रदेश का किसान परेशान है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है.
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक दिन की महापंचायत बुलाई गई है. आज पूरे देश में सबसे बड़ी मांग एमएसपी है. केंद्र सरकार को फौरन एमएसपी गारंटी लागू करना चाहिए. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में गन्ना का रेट बढ़ाएं, जिन गन्ना किसानों का बकाया है उसका तत्काल भुगतान करे. टिकैत ने कहा कि सभी किसानों को डिजिटल भुगतान करना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पायलट प्रोजेक्ट योजना है. सरकार पर आरोप लगाते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज डीबीटी के माध्यम से पैसा किसानों को भेजा जाता है, लेकिन वो भी एक साल बाद, जबकि किसानों को खेती के लिए डीजल लेने के लिए पेट्रोल पंप वाले नगद भुगतान लेते है. किसानों के साथ बहुत बड़ा छलावा किया जा रहा है.
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नेशनल हाईवे बनाने के नाम पर किसानों की जमीन कोड़ियों के भाव खरीदी जा रही है. ट्यूबवेल का बिजली बिल 100 रुपये प्रति घंटा करने की तैयारी हो रही है. सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. अंत में राकेश टिकैत ने कार्यकताओं से अपील करते हुए कहा कि 18 सितंबर को गन्ना बकाया भुगतान, गन्ना मूल्य वृद्धि, निराश्रित गोवंश की समस्या, बिजली समस्या का समाधान की मांग को लेकर लखनऊ में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में लखनऊ पहुंचने का आह्वान किया.
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