महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने सुपारी किसानों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. कृषि विभाग ने रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन तालुका के दिवेआगर में डॉ. बालासाहेब सावंत कोकण कृषि विद्यापीठ दापोली के तहत सुपारी अनुसंधान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है. जिसके लिए 5 करोड़ 64 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्री अदितिताई तटकरे ने लगातार इसकी मांग उठा रही थीं. इस संबंध में 27 सितंबर को धनंजय मुंडे की अध्यक्षता और अदितिताई तटकरे की उपस्थिति में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में कृषि विभाग ने 5 में सुपारी अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया.
सुपारी, रायगढ़ जिले की एक प्रमुख बागवानी फसल है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता सुनील तटकरे, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदितिताई तटकरे और अनिकेत तटकरे ने जोर देकर कहा कि उन्हें आधुनिक तकनीक का समर्थन करने के लिए एक सुपारी अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए. ताकि किसानों को फायदा हो. वो आधुनिक तरीके से खेती कर पाएं. मंत्री ने इस मांग को मानते हुए अनुसंधान केंद्र बनाने की मंजूरी दे दी.
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इस सुपारी अनुसंधान केन्द्र के माध्यम से सुपारी की उच्च गुणवत्ता एवं अधिक उपज देने वाली किस्मों का विकास होगा. लैंपशेड की परिस्थितियों एवं स्थानीय जलवायु को ध्यान में रखते हुए अंतर-फसलीय प्रौद्योगिकी का विकास होगा. विकसित प्रौद्योगिकी को किसानों तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन होगा. इस क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा. नर्सरी स्थापित करना, कलमों का विकास करना, क्षेत्र में ग्राम विकास योजना तैयार करना जैसी कई गतिविधियों को शुरू किया जाएगा.
भारत सुपारी की खेती के मामले में दुनियाभर में पहले नंबर पर आता है. विश्व का लगभग 50 प्रतिशत सुपारी का उत्पादन अकेले भारत में ही होता है. आमतौर पर सुपारी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पान, माउथ फ्रेशनर्स, गुटखा मसाले आदि में होता है. वहीं, भारतीय हिंदू परिवारों में किसी भी शुभ काम की शुरुआत के लिए होने वाली पूजा में इसका खास महत्व है.
भारत में कर्नाटक इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. इसके अलावा केरल, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल में इसकी पैदावार होती है. महाराष्ट्र में इसकी खेती को बढ़ाने का प्रयास जारी है. सुपारी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, इसलिए कई तरह की बीमारियों से बचाव के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में हमारे देश में ही सुपारी की बहुत ज्यादा मांग है, जिसके चलते यह बहुत ऊंचे दामों पर बिकती है.
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