सरकार ने कहा है कि प्याज के निर्यात पर से पाबंदी नहीं हटी है और यह 31 मार्च तक जारी रहेगी. ऐसी खबर थी कि सरकार ने प्याज निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया है. इसे देखते हुए सरकार की तरफ से यह नई जानकारी दी गई है. एक आला अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च की पूर्व घोषित समय सीमा तक जारी रहेगा, क्योंकि सरकार कीमतों को नियंत्रण में रखने और घरेलू सप्लाई बनाए रखने की इच्छुक है.
सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. सरकार के मुताबिक, यह नियम अब भी जारी है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है. यह लागू है और स्थिति में कोई बदलाव नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटाने की रिपोर्ट पर देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में 19 फरवरी को मॉडल थोक प्याज की कीमतें 40.62 प्रतिशत बढ़कर 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं, जो 17 फरवरी को 1,280 रुपये प्रति क्विंटल थीं. सूत्रों ने कहा कि आम चुनावों से पहले, 31 मार्च के बाद भी प्रतिबंध हटाए जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि रबी (सर्दियों) प्याज का उत्पादन विशेष रूप से महाराष्ट्र में कम बुवाई के कारण कम होने की उम्मीद है.
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2023 के रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 22.7 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया था. कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रबी प्याज कवरेज (बुवाई) का आकलन करेंगे. इस बीच, अंतर-मंत्रालयी समूह से मंजूरी के बाद केस-टू-केस आधार पर मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है.
प्याज निर्यातकों के मुताबिक, वैश्विक बाजार में प्याज की जबरदस्त कमी है और ताजा प्याज का एकमात्र स्रोत भारत ही है. अंतरराष्ट्रीय कीमतें 1000-1400 डॉलर प्रति टन के बीच हैं, जबकि भारतीय प्याज 350 डॉलर प्रति टन पर उपलब्ध है.
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दरअसल, अक्टूबर महीने में प्याज अचानक महंगा हो गया था. 30 से 35 रुपये किलो बिकने वाला प्याज अचानक 70 रुपये किलो हो गया था. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार के ऊपर दवाब बढ़ता जा रहा था. ऐसे में केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया. इससे कीमतें कम भी हो गईं. घरेलू मार्केट में आवक बढ़ने से अभी प्याज का खुदरा प्राइस 25 से 30 रुपये किलो के बीच है. वहीं, सरकार ने भी नाफेड और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से 25 रुपये किलो प्याज बेचा था. इससे आम जनता को काफी राहत मिली थी.
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