scorecardresearch
इस राज्य में 2500 रुपये क्विंटल हो सकता है धान का MSP, कृषि मंत्री ने दिए बड़े संकेत

इस राज्य में 2500 रुपये क्विंटल हो सकता है धान का MSP, कृषि मंत्री ने दिए बड़े संकेत

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 3.5 लाख गन्ना उत्पादकों को 624 करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन दिया. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि डीएमके सरकार के प्रयासों के कारण सकल फसल क्षेत्र पिछले अन्नाद्रमुक शासन के तहत 61.56 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 62.6 लाख हेक्टेयर हो गया है.

advertisement
तमिलनाडु में धान का एमएसपी. (सांकेतिक फोटो तमिलनाडु में धान का एमएसपी. (सांकेतिक फोटो

तमिलनाडु के कृषि मंत्री एमआर के पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को कहा कि किसान तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सरकारी योजनाओं से राज्य के 1.04 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है. कृषि बजट पर बहस का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि किसानों से परामर्श करने और प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के बाद इसे तैयार किया गया था. राज्य सरकार अच्छी किस्मों के लिए 107 रुपये प्रति क्विंटल और अन्य किस्मों के लिए 82 रुपये का प्रति क्विंटल प्रोत्साहन देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमतों पर धान खरीद रही है. उन्होंने कहा कि साथ ही 2500 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी देने का चुनावी वादा भी पूरा किया जाएगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्री एमआर के पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अन्नाद्रमुक शासन के 10 वर्षों में, चीनी उद्योग पंगु हो गए थे. इससे तमिलनाडु में गन्ने का रकबा सिकुड़ गया था. राज्य में केवल 95,000 हेक्टेयर पर गन्ने की खेती की जाती थी, जहां पहले 3.5 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती थी. लेकिन अब राज्य सरकार के प्रयासों से क्षेत्रफल बढ़कर 1.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. इससे किसानों को काफी फायदा हुआ है. उनकी इनकम में भी बढ़ोतरी हुई है.

ये भी पढ़ें- Farmers protest 2024: किसान आंदोलन में दो पुलिसकर्मियों की गई जान, 30 ज़ख्मी, अंबाला पुलिस ने दिया बयान

गन्ना उत्पादक किसानों को 624 करोड़ का प्रोत्साहन

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 3.5 लाख गन्ना उत्पादकों को 624 करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन दिया. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि डीएमके सरकार के प्रयासों के कारण सकल फसल क्षेत्र पिछले अन्नाद्रमुक शासन के तहत 61.56 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 62.6 लाख हेक्टेयर हो गया है. उन्होंने डीएमके सरकार द्वारा दिए गए अतिरिक्त दो लाख बिजली कनेक्शनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दो वर्षों में दोहरी फसल क्षेत्र बढ़कर 14.23 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि 2020-21 में यह 10 लाख हेक्टेयर था.

12.58 लाख किसानों को फायदा हुआ

पन्नीरसेल्वम ने खुलासा किया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में सूखे या बाढ़ के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों के लिए राहत कोष में 940 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस सहायता में थूथुकुडी जिले में दिसंबर 2023 की बाढ़ से प्रभावित लोगों को शामिल किया गया है. इस राहत से कुल 12.58 लाख किसानों को फायदा हुआ है. इसके अतिरिक्त, 25.12 लाख किसानों को फसल बीमा के माध्यम से मुआवजे के रूप में 4,436 करोड़ रुपये मिले. मंत्री ने 20 फरवरी को विधान सभा में प्रस्तुत चौथे कृषि बजट पर चर्चा का समापन करते हुए ये विवरण साझा किया.

ये भी पढ़ें-  Flowers Show: नोएडा में आज से 3 दिन तक चलेगा फ्लावर शो, 4 हजार फूलों से बना 'राम मंदिर मॉडल' होगा आकर्षण का केंद्र

पन्नीरसेल्वम ने केंद्र सरकार, विशेषकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि डीएमके सरकार द्वारा गन्ने और धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में समय पर संशोधन ने राज्य में किसानों के विरोध को रोक दिया.