अक्सर सरसों और गेहूं की फसल की आवक के समय हर साल मंडियों में किसानों को मिलने वाली सुविधाओं की जगह अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिलता है. लेकिन इस बार हरियाणा के जिला रेवाड़ी की तीनों अनाज मंडियों में पहली बार किसान खाने, पीने और बैठने की उचित व्यस्थाओं को देख बेहद खुश हैं. किसानों ने कहा इस साल पहले से बेहतर सुविधा दी गई है. इस बार सरसों और गेहूं का एमएसपी भी अच्छा मिल रहा है. मार्केट कमेटी के अधिकारी सत्यप्रकाश की मानें तो अभी तक 5650 रुपये एमएसपी पर रेवाड़ी, कोसली और बावल इन तीनों अनाज मंडियों में रोस्टर प्रणाली के माध्यम से 40 हजार क्विंटल सरसों की खरीद हो चुकी है.
किसानों को अपनी फसल बेचने में ज्यादा इंतज़ार न करना पड़े, इसके लिए रोस्टर प्रणाली के माध्यम से प्रतिदिन दस गांवों के किसानों को ही मंडी में बुलाया जा रहा है. प्रति किसान से एक दिन में 25 क्विंटल सरसों खरीदी जा रही है. सत्यप्रकाश ने बताया कि हम किसानों से अपील कर रहे हैं कि वो 8 फ़ीसदी से अधिक नमी वाली सरसों को मंडी में न लाएं. उसे पूरी तरह से सुखाकर ही लाएं. किसी भी फसल की सरकारी खरीद के लिए नमी की मात्रा देखना बहुत महत्चपूर्ण है. ज्यादा नमी होगी तो उसको स्टोर करने में दिक्कत होगी.
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सत्य प्रकाश ने बताया कि मंडी में इस बार किसानों के बैठने के लिए किसान भवन में उचित व्यवस्था है. उनके खाने के लिए मंडी में अटल किसान मजदूर कैंटीन है. जहां किसानों को मात्र दस रुपये में भरपेट खाना मिलता है. पीने के पानी के लिए मंडी में वाटर कूलर की व्यवस्था की गई है ताकि किसानों को परेशानी न हो. हालांकि, सरकारी अधिकारियों के दावे के उलट कई मंडियों में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है.
गेहूं की मंडी में आवक कम होने के सवाल पर सत्यप्रकाश बताया कि तीन दिन पूर्व जिले के कई गांवों में ओलावृष्टि हुई और गेहूं की तैयार फसल कुछ तो भीग गई और कुछ बहुत खराब हो गई. जिस कारण अभी मंडी में गेहूं की कम आवक हुई है. लेकिन सरकार खरीद के लिए पूरी तरह तैयार है और इस बार पहले की तरह उठान में भी कोई परेशानी नहीं होगी. उठान प्रक्रिया लगातार जारी है. हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद हो रही है. जबकि सरसों की खरीद पहले से हो रही है. हरियाणा गेहूं और सरसों का प्रमुख उत्पादक है.
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