कटहल झारखंड राज्य में पैदा होने वाली एक महत्वपूर्ण फल है. इसकी मांग देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों में भी होती है. कटहल राज्य में किसानों की आमदनी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें कटहल की खेती.
गांव में लोगों के घरों के आसपास कटहल के एक दो पेड़ जरूर होते हैं. पर अब मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कटहल के पेड़ लगाने के लिए वैज्ञानिक तरीकाअपनाने की जरूरत है.
कटहल के पौधे लगभग सभी प्रकार की जलवायु में विकसित हो जाते हैं. पर अच्छी तरह से जल निकास की व्यवस्था वाली गहरी दोमट मिट्टी में इसकी पैदावार और बढ़वार अच्छी होती है. वहीं झारखंड की मिट्टी कटहल उत्पादन के लिए बेहतर मानी जाती है.
कटहल के पौधा एक बड़े पेड़ का आकार लेता है इसलिए इसकी रोपाई 10X10 मीटर की दूरी पर करना चाहिए. कटहल का पौधा लगाने के लिए मई-जून के महीने में करना बेहतर माना जाता है. वहीं एक गड्ढे में पौधे लगाकर उसमें मिट्टी और सड़ी हुई गोबर की खाद डालना चाहिए.
पौधा लगाने के बाद एक वर्ष तक पौधे की देख-रेख अच्छे से करनी चाहिए. वहीं जड़ के पास से खर-पतवार को हमेशा साफ करते रहना चाहिए. कुछ सालों बाद किसानों को इसका फल मिलने लगता है, जिसे किसान बाजारों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कटहल भारत का देशज पौधा होता है. स्वाद और पौष्टिकता के मामले में यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, आमतौर पर वसंत ऋतु से लेकर बारिश के मौसम तक इसके फल रहते हैं.
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