प्याज की खेती करने वाले क‍िसानों के ल‍िए बड़ा ऐलान, प्रत‍ि क्व‍िंटल 300 रुपये की मदद देगी सरकार

प्याज की खेती करने वाले क‍िसानों के ल‍िए बड़ा ऐलान, प्रत‍ि क्व‍िंटल 300 रुपये की मदद देगी सरकार

Onion Price: कम दाम से परेशान महाराष्ट्र के क‍िसानों ने एकनाथ शिंदे सरकार से 1500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की मदद मांगी थी, लेक‍िन राज्य सरकार ने स‍िर्फ 300 रुपये की प्रति क्विंटल की सब्सिडी का ऐलान क‍िया है. इसल‍िए इस घोषणा के बावजूद क‍िसानों को उत्पादन लागत भी नहीं म‍िल पा रही है. 

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प्याज की खेती करने वाले क‍िसानों के ल‍िए बड़ा ऐलान, प्रत‍ि क्व‍िंटल 300 रुपये की मदद देगी सरकार किसानों को अब प्याज़ पर मिलेगा 300 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी

प्याज के ग‍िरते भाव की वजह से क‍िसानों और व‍िपक्ष की आलोचना से घ‍िरी महाराष्ट्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर एक बड़ा फैसला ल‍िया है. अब राज्य के प्याज उत्पादक क‍िसानों को सरकार 300 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक मदद करेगी.  क्योंक‍ि इस समय क‍िसानों को उत्पादन लागत ज‍ितना दाम भी नहीं म‍िल पा रहा है. उत्पादन लागत 18 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक पहुंच गई है, जबक‍ि मंड‍ियों में उन्हें स‍िर्फ 2 से 5 रुपये प्रत‍ि क‍िलो के दाम पर ही प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. फ‍िलहाल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में क‍िसानों के ल‍िए राहत की घोषणा की. उन्होंने दावा क‍िया क‍ि प्याज किसानों को दी जाने वाली यह अब तक की सबसे अधिक मदद है. यह सिर्फ एक घोषणा नहीं है. 

राज्य सरकार भले ही इतनी मदद देने की घोषणा करके अपनी वाहवाही कर रही है, लेक‍िन क‍िसान इससे संतुष्ट नहीं हैं. क्योंक‍ि इस राहत के बावजूद उनकी उत्पादन लागत नहीं न‍िकल पा रही है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है क‍ि यह अस्थायी राहत है. हमने प्रत‍ि क्व‍िंटल 1500 रुपये की मदद मांगी थी. अगर सरकार इसका न्यूनतम मूल्य 30 रुपये नहीं घोष‍ित करेगी तो क‍िसानों को प्याज की खेती से फायदे की बजाय नुकसान ही होगा. प्याज के कम दाम को लेकर व‍िपक्ष लगातार सरकार के ख‍िलाफ प्रदर्शन कर रहा है. कुछ क‍िसानों का कहना है क‍ि 300 की जगह कम से कम 500 से 700 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की सब्सिडी चाह‍िए थी. घोषित की गई सब्सिडी बहुत कम है. 
  
   

सीएम श‍िंदे ने क्या कहा? 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, देश के प्याज उत्पादन में हमारी 43 फीसदी हिस्सेदारी है. हालांकि, दूसरे राज्यों में प्याज का उत्पादन बढ़ने से समस्या पैदा हो गई है. देश में, आपूर्ति की तुलना में मांग कम है. इसलिए, प्याज की कीमत गिर गई है. प्याज एक ऐसी फसल है जो जल्दी खराब हो जाती है. इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू नहीं किया जा सकता है. महाराष्ट्र में प्याज एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और इसकी कीमत बहुत संवेदनशील मुद्दा है. देश में प्याज का उत्पादन, उसकी घरेलू मांग और देश से निर्यात आदि सभी बाजार में प्याज की कीमत को प्रभावित करते हैं. 

कैसे ल‍िया गया राहत का न‍िर्णय 

सीएम ने बताया क‍ि प्याज उत्पादक किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक समिति गठ‍ित की गई थी. समिति ने क‍िसानों को 200 या 300 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थ‍िक मदद देने की सिफारिश की थी. हमने 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने का फैसला किया है. राज्य सरकार प्याज किसानों के साथ खड़ी रहेगी. यह सिर्फ एक घोषणा नहीं है बल्कि राहत देने का एक वास्तविक निर्णय है.

 

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