हिमाचल प्रदेश के जंगलों में ऐसे अनेक प्रकार के प्राकृतिक फल पाए जाते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर रहते हैं. ऐसा ही एक जंगली फल इन दिनों मंडी के बाजार में पहुंच चुका है जिसे काफल के नाम से जाना जाता है. इस साल काफल 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. यह फल मधुमेह, हृदय चाप और पेट की कई बीमारियों को दूर करने में लाभकारी बताया जाता है. इन औषधीय गुणों की वजह से ही काफल की बहुत मांग देखी जाती है. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश के लोग महीनों-महीनों तक इस फल का इंतजार करते हैं और फल बाजार में आते ही खरीदने के लिए टूट पड़ते हैं.
गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाले काफल की आमद मंडी के बाजारों में शुरू हो गई है. मंडी शहर के सेरी, चौहाटा बाजार में लोग काफल के फल की खरीदारी कर रहे हैं. इस बार काफल 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. जैसे-जैसे काफल की आमद बढ़ती है, वैसे-वैसे काफल के दाम कम होते जाते हैं. काफल के सीजन में स्थानीय लोगों को थोड़े दिनों के लिए रोजगार का जरिया मिल जाता है. जिससे कि वे अपने परिवार की रोजी रोटी चलाते हैं. इस सीजन में सबसे प्रचलित फल आम से काफल की तुलना करें तो उससे कई गुना अधिक इसका भाव होता है.
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मंडी के बाजारों में काफल की खरीदारी करने वाले लोगों का कहना है कि यह फल खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. यह जंगल के प्राकृतिक परिवेश में उगता है जो कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. इसलिए लोग इसे खाना काफी पंसद करते हैं. अभी एक किलो काफल 400 रुपये बिक रहा है, लेकिन काफल के कद्रदान इसकी कीमतों को जायज ठहरा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि काफल को पेड़ से निकालने में काफी मेहनत लगती है. तब जाकर लोग इसका स्वाद चख पाते है.
औषधीय गुणों से भरपूर काफल को खाने के लिए लोग 400 रुपये चुकाने के लिए तैयार हैं. लोगों का कहना है कि वे इस फल को अपने बचपन के समय से खाते आ रहे हैं और हर साल काफल का इंजतार करते हैं. यह फल मधुमेह, हृदय चाप और पेट की कई बीमारियों को दूर करने में लाभकारी बताया जाता है. लोग इसके फायदे को देखते हुए ही एक किलो के लिए आराम से 400 रुपये तक चुकाने को तैयार रहते हैं. यहां तक कि इस फल का इंतजार वे कई महीनों तक करते हैं.
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लोगों का इंतजार अब खत्म हो गया है और जंगली फल काफल अब मंडी शहर में पहुंचना शुरू हो गया है. काफल के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी देते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ओमराज ने बताया कि काफल में कैल्शियम, जिंक, फास्फोरस पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी है. उन्होंने बताया कि काफल पेट की जलन, गर्मी और डायरिया के लिए बहुत लाभकारी है. इन बीमारियों से राहत पाने के लिए लोग काफल का सेवन कर सकते हैं.
काफल केवल पहाड़ों में ही पाया जाता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट के अलावा विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है. लोगों को इसका स्वाद बेहद पसंत आता है. इसका कुदरती मीठापन लोगों को अपनी ओर खींचता है तभी लोग महीनों तक इसका इंतजार करते हैं. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में यह फल बहुतायत में पाया जाता है जिसका रंग गहरा लाल होता है. मई अंत में यह पकना शुरू होता है जिसे तोड़कर बाजारों में बेचा जाता है.
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