हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश का दौर चल रहा है. इससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से सात से आठ डिग्री कम चल रहे हैं जिससे मई के महीने में भी लोगों को दिसंबर जैसी ठंड का सामना करना पड़ रहा है. वही ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल स्पीति और किन्नौर ज़िले में ताजा बर्फबारी से जन जीवन प्रभावित हुआ है. ऐसा मुश्किल से ही देखा जाता है जब मई महीने में लोगों ने इतनी ठंड झेली हो और उससे बचने के लिए स्वेटर, शॉल का सहारा लिया हो. इसके पीछे जलवायु परिवर्तन मुख्य वजह बताई जा रही है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की मानें तो सात मई तक प्रदेश भर में इसी तरह से बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी रहेगा. बुधवार के दिन के लिए मौसम विभाग की तरफ से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया. कुछ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो रही है. लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों बागवानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. आने वाले दो-तीन दिन लोगों को विजिबिलिटी में भी दिक्कत आएगी क्योंकि धुंध बढ़ने का भी मौसम विभाग ने अंदेशा जताया है.
मई के महीने में जहां चिलचिलाती गर्मी और धूप से परेशान होना पड़ता था. वहीं हिमाचल में इस साल मई के महीने में लोग गर्म कपड़े पहने हुए हैं. देवभूमि हिमाचल में लगातार बारिश से मौसम सर्द है. पिछले एक सप्ताह से मौसम खराब तो चल ही रहा था. उस पर बीते तीन दिन से लगातार बारिश जारी है. प्रदेश के उंचाई वाले क्षेत्रों में तो बर्फ भी पड़ रही है. वही हिमाचल के मंडी जिला में भी बारिश से सर्दी वापस लौट आई है. किसी ने सोचा नहीं था कि मई के गर्म मौसम में इतनी ठंड होगी. सोचा नहीं था कि उन्हें गर्म कपड़े पहनने पड़ेंगे.
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मंडी में ऐसा लग रहा है मानो दिसंबर जनवरी का महीना लौट आया हो. लोग स्वेटर, जैकेट पहने नजर आ रहे हैं. वही लोगों का कहना है कि आधुनिक विकास के नाम पर प्रकृति से जो छेड़छाड़ हो रही है, उसका असर मौसम पर पड़ रहा है. अनावश्यक रूप से पेड़ों का कटान, खनन, फोरलेन से पहाड़ों को छलनी करना भी वातावरण परिवर्तन का कारण है. उनका कहना है कि मई का महीना प्रचंड गर्मी का महीना होता है. लोग गर्म कपड़ों को पैक करके गर्मी के मूड़ में थे. लेकिन अब लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हैं. यह मौसम स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.
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वही मंडी शहर के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि वे इस तरह के मौसम को पहले भी देख चुके हैं जब मई के महीने में आठ से 10 दिन लगतार बारिश हुई थी. गर्मी को छोड़ अब बरसात आ गई है जबकि बरसात का मौसम होगा तब कही सूखा न पड़ जाए. उन्होंने बताया कि बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. किसानों की गेहूं की फसल खेतों में भीग रही है. किसानों को फसल काटने का मौका ही नहीं मिल रहा, गेहूं खेतों में ही काली हो रही है. बुजुर्ग किसान ने कहा कि उनका सारा अनाज इस बारिश से खराब हो गया है. उन्हें पता नहीं चल रहा है कि इस सीजन में ऐसा क्यों हो रहा है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तक ऐसे ही मौसम का अनुमान जताया है.
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