हरियाणा के पलवल जिले में कई गांवों से गुजरने वाले दर्जनों रजवाहों सूखे पड़े हैं. ऐसे में किसान गेहूं की बिजाई को लेकर परेशान है. दरअसल, बिजाई के लिए किसानों को पानी की जरूरत है, लेकिन आगरा नहर की सफाई के चलते पानी नहीं मिल पा रहा है. पलवल के इन गांवों में खेती के लिए आगरा और गुरुग्राम नहर से पानी की सप्लाई होती है. इन नहरों से यहां के होडल, भंगूरी, हसनपुर, जनौली, उटावड़ह और हथीन समेत दर्जनों रजवाहे गुजरते हैं, लेकिन नहरों की सफाई के चलते पानी न आना इलाके के किसानों की परेशानी का कारण बन गया है.
इस समय रबी फसलों की बुवाई का समय चल रहा है. यहां ज्यादातर किसान गेहूं के अलावा सरसों, गन्ना और जौ की खेती भी करते हैं. ऐसे में अब फसलों को सिंचाई की भी जरूरत है. वहीं, इस समय गेहूं और जौ की बिजाई भी चल रही है. ऐसे में अगर 10 दिन के अंदर नहर से पानी नहीं छोड़ा गया तो बिजाई पर असर पड़ेगा और पैदावार कम होगी और किसानों को नुकसान होगा. 'दैनिक भास्कर' अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्र के किसानों का कहना है कि जिले के ज्यादातर हिस्सों में जमीन का पानी खारा है, जो खेती में इस्तेमाल के योग्य नहीं है. इसलिए किसान सिंचाई के लिए रजवाहों पर ही निर्भर है.
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कृषि विभाग के मुताबिक, जिले में इस साल 2 लाख 60 हजार एकड़ रकबे में फसलों की बुवाई का अनुमान है. इसमें से 2 लाख एकड़ में गेहूं, 20 हजार एकड़ में सरसों, 9 हजार एकड़ में गन्ना और 30 हजार एकड़ में अन्य फसलों की बिजाई होनी है. सिंचाई विभाग के एक्सईएन मोहित वशिष्ठ ने कहा कि रजवाहों में आगरा नहर से पानी की आपूर्ति होती है, जो उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तहत आती है. लेकिन, अभी नहर की सफाई की वजह से पानी नहीं आ रहा है. उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने 10 नवंबर तक पानी छोड़ने की बात कही थी, लेकिन अब 14 या 15 नवंबर तक पानी छोड़ा जाएगा.
राज्य के कई जिलों में किसान डीएपी की कमी की भी बात कह रहे हैं. सरकारी खाद बिक्री केंद्रों पर खाद के लिए किसानों की लंबी कतार देखी जा रही है. किसान भोर से पहले ही लाइनों में लग रहे हैं, लेकिन देर शाम के बाद भी खाली हाथ लौट रहे हैं. वहीं, सरकार आंकड़े पेश कर दावा कर रही है कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. सीएम नायब सिंह सैनी ने किसानों से अपील की है कि वे खाद की कमी को लेकर किसी अफवाह पर ध्यान न दें.
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