Ambala: अब नई मुसीबत में फंसे सूरजमुखी किसान, डाटा की गड़बड़ी से नहीं बिक पा रही उपज

Ambala: अब नई मुसीबत में फंसे सूरजमुखी किसान, डाटा की गड़बड़ी से नहीं बिक पा रही उपज

किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसमें आधार का वेरिफिकेशन भी कराना होता है. किसानों का कहना है कि पोर्टल पर गलत डाटा अपलोड होने की वजह से उनका गेट पास नहीं बन पा रहा है. इससे उन्हें उपज बेचने में परेशानी हो रही है.

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Ambala: अब नई मुसीबत में फंसे सूरजमुखी किसान, डाटा की गड़बड़ी से नहीं बिक पा रही उपजअंबाला में सूजरमुखी किसान अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं (फोटो साभार-freepik)

हरियाणा में अंबाला के सूरजमुखी किसान एक नई आफत में फंस गए हैं. नई आफत इसलिए कही जा रही है क्योंकि अभी हाल में सूरजमुखी के बीज की MSP को लेकर आर-पार की लड़ाई हुई थी. किसान आंदोलन विकराल होता देख हरियाणार सरकार ने किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग मान ली. इसके बाद सूरजमुखी किसानों का आंदोलन थमा. अब किसानों के सामने एक नई मुसीबत 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल को लेकर है. किसानों की शिकायत है कि इस पोर्टल पर उनका डाटा गलत है जिसकी वजह से वे सूरजमुखी के बीज नहीं बेच पा रहे हैं. 

किसानों का कहना है कि हाल में उनकी लड़ाई इस बात के लिए थी कि सूरजमुखी के अच्छे दाम मिले. जब यह मामला शांत हुआ तो पोर्टल पर ब्योरे की गड़बड़ी सामने आ गई. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों और उनकी फसलों का ब्योरा दर्ज होता है. किसानों की शिकायत है कि उनका ब्योरा गलत ढंग से पोर्टल पर पेश किया गया है जिससे उन्हें अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है.

क्या है किसानों की शिकायत?

अंबाला के किसानों ने 'दि ट्रिब्यून' को बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन पोर्टल पर उनका कोटा नहीं दिख रहा है. कोटा नहीं दिखने से सूरजमुखी किसानों का गेट पास नहीं बन रहा है. जब तक गेट पास नहीं बनेगा, किसान मंडियों में सूरजमुखी के बीज नहीं बेच पाएंगे. किसानों का कहना है कि आधार कार्ड के आंकड़े में भी भारी अंतर है. बटाई खेती की जानकारी में भी गड़बड़ी है जिससे पोर्टल पर वेरिफिकेशन में दिक्कतें आ रही हैं. 

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शाहबाद के किसान बलविंदर सिंह कहते हैं, 'मैंने अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर कराया, वेरिफिकेशन हुआ और पोर्टल पर उपज भी दिख रही है. लेकिन जब मैं उपज बेचने गया तो गेट पास जारी नहीं हो रहा था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आधार कार्ड बेमेल था. चुड़ियाला गांव के किसान कमलप्रीत सिंह ने कहा, "मैं कल अंबाला छावनी अनाज मंडी पहुंचा था, लेकिन गेट पास जारी नहीं किया गया. मुझे बताया गया कि मेरा आधार कार्ड अमान्य है जबकि मुझे भावांतर भरपाई योजना के तहत मुआवजा राशि पहले ही मिल चुकी है. अभी तक मैं अपनी उपज बेचने का इंतजार कर रहा हूं.” 

इसी तरह खुदा खुर्द गांव के एक किसान अमनप्रीत सिंह ने शिकायती लहजे में कहा, “मैं लगभग तीन एकड़ की उपज बेचने गया था. लेकिन दुर्भाग्य से मुझे इसे वापस लाना पड़ा क्योंकि पोर्टल मेरे नौ एकड़ की खेती के रजिस्ट्रेशन का कोई डाटा नहीं दिखा रहा था. मुझे अनाज मंडी में अधिकारियों ने कुछ दिन इंतजार करने के लिए कहा और बताया कि वे इस मुद्दे को सुलझा लेंगे.

आंदोलन करेगा बीकेयू

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिन्हें उपज बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वे कहते हैं, “हम कुरुक्षेत्र के उपायुक्त से मिले, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. ऐसे मामले सामने आए हैं जहां किसानों ने 10 एकड़ के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन वेरिफिकेशन के बाद केवल एक एकड़ का ही रजिस्ट्रेशन हुआ. यदि किसानों को इसी तरह असुविधा होती रही, तो संघ बैठक करेगा और निर्णय लेगा.”

अंबाला छावनी अनाज मंडी के सचिव नीरज भारद्वाज ने कहा कि कुछ किसानों ने फसल के वेरिफिकेशन, आधार कार्ड के अमान्य होने और पोर्टल से कोटा गायब होने से जुड़ी शिकायतों के साथ उनसे संपर्क किया था. उन्होंने इस बारे में उच्च अधिकारियों को हता दिया है और मामले को सुलझा लिया जाएगा.

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अंबाला और कुरुक्षेत्र के डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग एनफोर्समेंट ऑफिसर (डीएमईओ) राजीव चौधरी ने कहा कि शाहाबाद में अधिकांश किसान आ रहे हैं, इसलिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है. किसान ने कई फसलें बोई हैं जिसके कारण रजिस्ट्रेशन के दौरान कुछ समस्याएं थीं. उन्होंने कहा कि उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

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