गाय के गोबर और गोमूत्र से केवल जीवामृत , बिजामृत ही नहीं बाल्टी बल्कि कंपोस्ट और खुर खाद भी बनाई जाती है. प्राकृतिक खेती के लिए गाय की गोबर का खाद खेत के लिए अमृत माना जाता है. रायबरेली जनपद में प्राकृतिक खेती करने वाले किसान शेखर त्रिपाठी की गौशाला में आज 60 से ज्यादा गाय हैं. वह गाय की गोबर और गोमूत्र का उपयोग करके न सिर्फ एक तालाब की तकनीकी को विकसित किया है बल्कि वह जीवामृत, घन जीवामृत के साथ खुर खाद को भी बनाते हैं. सबसे पहले इस खाद का प्रयोग उन्होंने खुद के खेत में किया और फिर अपने खेत का मृदा परीक्षण भी कराया.
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