की 37 रजिस्टर्ड नस्ल हैं. हर नस्ल की बकरी की अपनी एक खासियत है. लेकिन जखराना नस्ल की बकरी अपने खास गुणों के चलते हमेशा ही डिमांड में रहती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट का दावा है कि यह एक ऐसी नस्ल है जो बकरियों की तीनों खूबी अपने में समेटे हुए है. इसीलिए यह लगातार डिमांड में बनी रहती है. जखराना नस्ल की बकरी अलवर, राजस्थान के एक गांव जखराना से निकली है. इसलिए इसका नाम भी जखराना पड़ गया है. असली जखराना की पहचान यह है कि यह पूरी तरह से काले रंग की होती है. लेकिन इसके कान और मुंह पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं. इसके अलावा जखराना बकरी के पूरे शरीर पर किसी भी दूसरे रंग का कोई धब्बा नहीं मिलेगा.
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