Gonda News: यूपी के गोंडा जिले के छपिया थाना के नौवागांव के रहने वाले राधेश्याम के परिवार को एक किंग कोबरा सांप ने पल भर में उजाड़ दिया. जहां एक विशालकाय कोबरा सांप ने सोते समय मां को डसने के बाद घर के बाहर बंधी पड़ोसी की भैंस को डस लिया. मां का दूध बेटी ने पी लिया इससे मां बेटी की मौत हो गई. वहीं कोबरा घंटो आंगन और घर के बाहर घूमता रहा. घटना के मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई. मृतक के घर में कोहराम मचा हुआ है.
मृतका के पति राधेश्याम ने बताया कि उनकी पत्नी लक्ष्मी अपने कमरे में 8 माह की बच्ची रूपाली के साथ सो रही थी. उसी के बगल में पति राधेश्याम बेड पर अपने दो बच्चे विराज और राज यादव को लेकर सो रहा था. पति जब सुबह सो कर उठा तो पत्नी और बेटी बेहोशी की हालत में चारपाई पर लेटी हुई थी. उसने देखा कि उसके पत्नी के दाहिने पैर में कुछ काटने के निशान हैं.
फौरन मां- बेटी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुक्कनपुर ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने हालात नाजुक देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिला अस्पताल पहुंचते ही मां- बेटी की मौत हो गई. रात में महिला को काटने के बाद कोबरा पूरी रात और सुबह तक आंगन में डाटा रहा. किसी तरह घर के बाहर निकाल कर पड़ोस में बंधी एक भैंस को काट लिया. इससे कुछ ही मिनट में भैंस की मौत हो गई. कोबरा को देखने के लिए गांव के लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में 4 लाख रुपये का मुआवजा मृतक के परिवार को दिया जाता है. वहीं अगर सांप काटने से किसी किसान की मौत हुई है तो उसे 1 लाख रुपये किसान बीमा योजना के तहत इसी क्षतिपूर्ति राशि में जोड़कर दिया जाता है. भारत में जहरीले सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. किंग कोबरा इन्हीं में से एक है.
सांप के काटने से हुई मौत को चूंकि आपदा से हुई मौत माना गया है ऐसे में राज्य सरकार के नियमानुसार 48 घंटे में सभी कार्रवाई पूरी कर मुआवजे की 4 लाख रुपये की राशि पीड़ित के सबसे नजदीकी संबंधी के खाते में भेज दी जाती है. ऐसा न करने पर कार्रवाई भी हो सकती है.
सांप के काटने से हुई मौत का मुआवजा लेने के लिए पीड़ित का पोस्टमॉर्टम सबसे जरूरी होता है. उसी के आधार पर पीड़ित परिवार को मदद का पैसा मिलता है. ऐसे में मौत के तुरंत बाद परिजनों को चाहिए कि वे पीड़ित का पोस्टमॉर्टम कराएं.
मुआवजा राशि पाने के लिए परिजनों को सिर्फ दो काम करने होते हैं, उसके बाद पूरी कार्रवाई प्रशासन करता है. पहला काम ये है कि अगर किसी की मौत सर्पदंश से हुई है तो उसके परिजन तत्काल लेखपाल को इसकी सूचना दें. वहीं दूसरा काम ये है कि पीड़ित को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाएं और उसकी रिपोर्ट जिसमें सर्पदंश से मौत की पुष्टि हुई है, लेखपाल को दें. उसके बाद पूरा काम लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एडीएम के कार्यालय से होता है.
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