Animal Insurance: अगर हो जाए पशु की प्राकृतिक आपदा में मौत तो क्‍या सरकार देती है मुआवजा, जानें 

Animal Insurance: अगर हो जाए पशु की प्राकृतिक आपदा में मौत तो क्‍या सरकार देती है मुआवजा, जानें 

Animal Insurance: भारत में पशुपालक अपने जानवरों का बीमा करवा सकते हैं.  सरकार और कुछ बीमा कंपनियां मिलकर ऐसी योजनाएं चलाती हैं जिनसे पशुपालकों को उनके पशुओं की मृत्यु, बीमारी या चोरी जैसी स्थितियों में आर्थिक मदद मिलती है. इसे 'पशु बीमा योजना' कहा जाता है. 

Advertisement
Animal Insurance: अगर हो जाए पशु की प्राकृतिक आपदा में मौत तो क्‍या सरकार देती है मुआवजा, जानें Animal Insurence scheme: भारत में पशुपालकों को मिलता है एक फायदा

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बिजली गिरने से खानाबदोश परिवारों की 100 से ज्‍यादा भेड़-बकरियों की मौत हो गई है. अब चरवाहे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वो कह रहे हैं कि उन्‍हें इस नुकसान का मुआवजा दिया जाए. लेकिन सवाल यही है कि क्‍या भारत में पशुपालकों को बीमा कराने की सुविधा है या फिर अगर उनके जानवरों का नुकसान हो जाए तो क्‍या सरकार की तरफ से मदद मिलती है.  आज हम आापको बताते हैं कि पशुपालक कैसे अपने जानवरों का बीमा करवा सकते हैं क्‍योंकि उन्‍हें फसल बीमा के तहत कोई फायदा नहीं मिलता है. 

क्‍या है पशु बीमा योजना 

भारत में पशुपालक अपने जानवरों का बीमा करवा सकते हैं.  सरकार और कुछ बीमा कंपनियां मिलकर ऐसी योजनाएं चलाती हैं जिनसे पशुपालकों को उनके पशुओं की मृत्यु, बीमारी या चोरी जैसी स्थितियों में आर्थिक मदद मिलती है. इसे 'पशु बीमा योजना' कहा जाता है. 

पशु बीमा कैसे करवाएं 

सरकारी योजना के तहत 

भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर पशुपालकों को सब्सिडी के साथ बीमा सुविधा देती हैं. इसका मकसद पशुपालकों को नुकसान की भरपाई दिलाना है. 

क्‍या है प्रक्रिया 

  • पशुपालक को अपने निकटतम पशु चिकित्सा केंद्र या कृषि विभाग के कार्यालय में जाना होगा. 
  • यहां से एप्‍लीकेशन फॉर्म लिया जा सकता है. 
  • बीमा के लिए पशु की फोटो, टैग नंबर, हेल्‍थ सर्टिफिकेट जरूरी हैं. 
  • बीमा कंपनी जैसे नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के साथ कॉन्‍टैक्ट किया जा सकता है. 
  • कुछ हिस्से का प्रीमियम पशुपालक देता है बाकी सरकार सब्सिडी के तौर पर देती है. 

निजी बीमा कंपनियों से

आप किसी निजी बीमा कंपनी से भी संपर्क कर सकते हैं. इन कंपनियों के पास डेयरी पशु, भेड़, बकरी, सुअर आदि के लिए अलग-अलग बीमा योजनाएं होती हैं. 

क्या-क्या कवर होता

  • पशु की मृत्यु किसी बीमारी या दुर्घटना में 
  • अगर पशु चोरी हो जाए 
  • प्राकृतिक आपदा से हानि

बीमा की अवधि 1 से 3 साल तक हो सकती है. प्रीमियम आमतौर पर पशु की कीमत का 2 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक होता है. इसमें सरकारी योजना में सब्सिडी मिलती है. 

यह भी पढ़ें- 

POST A COMMENT