जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बिजली गिरने से खानाबदोश परिवारों की 100 से ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत हो गई है. अब चरवाहे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वो कह रहे हैं कि उन्हें इस नुकसान का मुआवजा दिया जाए. लेकिन सवाल यही है कि क्या भारत में पशुपालकों को बीमा कराने की सुविधा है या फिर अगर उनके जानवरों का नुकसान हो जाए तो क्या सरकार की तरफ से मदद मिलती है. आज हम आापको बताते हैं कि पशुपालक कैसे अपने जानवरों का बीमा करवा सकते हैं क्योंकि उन्हें फसल बीमा के तहत कोई फायदा नहीं मिलता है.
भारत में पशुपालक अपने जानवरों का बीमा करवा सकते हैं. सरकार और कुछ बीमा कंपनियां मिलकर ऐसी योजनाएं चलाती हैं जिनसे पशुपालकों को उनके पशुओं की मृत्यु, बीमारी या चोरी जैसी स्थितियों में आर्थिक मदद मिलती है. इसे 'पशु बीमा योजना' कहा जाता है.
सरकारी योजना के तहत
भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर पशुपालकों को सब्सिडी के साथ बीमा सुविधा देती हैं. इसका मकसद पशुपालकों को नुकसान की भरपाई दिलाना है.
आप किसी निजी बीमा कंपनी से भी संपर्क कर सकते हैं. इन कंपनियों के पास डेयरी पशु, भेड़, बकरी, सुअर आदि के लिए अलग-अलग बीमा योजनाएं होती हैं.
बीमा की अवधि 1 से 3 साल तक हो सकती है. प्रीमियम आमतौर पर पशु की कीमत का 2 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक होता है. इसमें सरकारी योजना में सब्सिडी मिलती है.
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