देश के कई राज्यों में मार्च के महीने में ही तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है. बढ़ते तापमान से अभी ही लोगों को गर्मी का एहसास हो रहा है. ऐसे में ये मौसम आम लोगों के साथ ही तालाब में पलने वाली मछलियों के लिए भी नुकसानदेह है. वहीं, गर्मी के मौसम में मछलियों के खाने-पीने का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. अगर किसान इस चीज में थोड़ी भी लापरवाही दिखाते हैं, तो उनको भारी नुकसान हो सकता है. मौसम के अनुसार ही किसानों को मछलियों को खाना देना चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं गर्मी में मछलियों को क्या खिलाएं और किन बातों का ध्यान रखें.
गर्मियों में मछलियों के खाने का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है ताकि अधिक मात्रा में कुछ भी खा कर मछलियों की तबीयत ना बिगड़ जाए. ऐसे में ध्यान रखें कि गर्मी के दिनों में मछलियों में सूखा खाने को न दें. इसके अलावा एक लीटर मीठे फ्रेश पानी में 100 ग्राम गुड़ घोलकर, दो से तीन ग्राम विटामिन सी मिला दें. इस तरह यदि हम थोड़ा सा ध्यान रखेंगे तो किसानों को मछली पालन में कोई दिक्कत भी नहीं होगी और किसान आर्थिक नुकसान से भी बचे रहेंगे.
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गर्मी में मछलियों को ग्लूकोज पाउडर भी घोलकर पिलाया जा सकता है. इसके अलावा मछलियों को दी जाने वाली दोपहर की खुराक एकदम कम कर दें. दोपहर में 10 फीसद से ज्यादा खाना न दें. सुबह-शाम और रात 30-30 फीसद तक खाने को दें.
गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने से अगर मछलियों में कोई बीमारी जैसे लाल चकत्ते इत्यादि पड़ रहे हों तो तालाब में पोटेशियम परमैग्नेट यानी लाल दवा का छिड़काव करना चाहिए. इससे तालाब में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता और मछलियां मरती नहीं हैं. इसके अलावा गर्मी के मौसम में एक साथ अधिक मात्रा में मछली पालन न करें. तालाब में यदि ज्यादा मछलियां हो गई हों, तो कुछ मछलियों को दूसरे तालाब में शिफ्ट कर दें.
मछलियों पर तापमान का असर न हो, इसके लिए तालाब के पानी को हमेशा बदलते रहें. इसके साथ ही पानी का लेवल 5 फीट से लेकर साढ़े पांच फीट तक हमेशा रखें. इसके साथ ही अगर तालाब का पानी हरे रंग का होने लगे तो मछलियों के लिए चारे की मात्रा को कम कर दें. साथ ही तालाब में चूना पानी का छिड़काव करें. चूने के पानी के लिए चूने को 24 घंटा पहले भिगो लेना चाहिए, फिर पूरे तालाब में उसका छिड़काव करना चाहिए. इससे तालाब में ऑक्सीजन का लेवल सही रहता और मछलियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.
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