Poultry Expo-2024 एशिया के सबसे बड़े पोल्ट्री एक्सपो में होगी प्रोडक्शन-फीड पर चर्चा, जुटेंगे 50 देशों के लोग 

Poultry Expo-2024 एशिया के सबसे बड़े पोल्ट्री एक्सपो में होगी प्रोडक्शन-फीड पर चर्चा, जुटेंगे 50 देशों के लोग 

पोल्ट्री में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और पोल्ट्री से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हैदराबाद में एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है. ये एक्सपो नॉलेज डे के साथ ही चार दिन तक चलेगा. 50 देशों की 400 से ज्यादा पोल्ट्री कंपनियां और एक्सपर्ट इस एक्सपो में हिस्सा लेंगे.  

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Poultry Expo-2024 एशिया के सबसे बड़े पोल्ट्री एक्सपो में होगी प्रोडक्शन-फीड पर चर्चा, जुटेंगे 50 देशों के लोग 26 नवंबर से 29 तक चार दिन हैदराबाद में पोल्ट्री एक्सपो का आयोजन किया जाएगा.

हर साल हैदराबाद में दक्षि‍ण एशि‍या के सबसे बड़े पोल्ट्री एक्सपो का आयोजन किया जाता है. एक्सपो में करीब 50 देशों के पोल्ट्री एक्सपर्ट और कारोबारी जुटेंगे. इस दौरान पोल्ट्री सेक्टर में आईं और आने वाली नई टेक्नोलॉजी पर चर्चा होगी. इसके साथ ही इस पर भी गहन चिंतन किया जाएगा कि कैसे पोल्ट्री प्रोडक्शन बढ़ाया जाए और फीड में नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो. साथ ही पोल्ट्री से जुड़ी बीमारियों पर भी खास चर्चा होगी. एक्सपो में 26 नवंबर, 2024 को नॉलेज डे का आयोजन किया जाएगा. वहीं तीन दिन तक हाईटेक्स एक्सपो सेंटर में एक्जीबीशन का आयोजन किया जाएगा. 

इस एक्सपो का आयोजन भारतीय पोल्ट्री उपकरण निर्माता संघ (IPEMA) की ओर से पोल्ट्री इंडिया नाम से किया जाता है. इस बार एक्सपो की थीम "अनलॉकिंग द पोल्ट्री पोटेंशि‍यल" रखी गई है. एक्सपो में पोल्ट्री के लिए प्रोडक्ट तैयार करने वालीं और सर्विस देने वालीं करीब 400 कंपनियां अपने स्टॉल लगाएंगी. वहीं तीन दिन 40 हजार से ज्यादा पोल्ट्री फार्मर और एक्सपर्ट के इस एक्सपो में आने की उम्मीद है. 

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फूड सिक्योरिटी, रोजगार देने वाली पोल्ट्री को मजबूत करे सरकार 

IPEMA (पोल्ट्री इंडिया) के प्रेसिडेंट उदय सिंह ब्यास ने केन्द्र और राज्यों की सरकार से पोल्ट्री को मजबूती देने की अपील की है. उनका कहना है कि आज पोल्ट्री सेक्टर कई क्षेत्रों में जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है. देश की फूड सिक्योरिटी, युवाओं को रोजगार और देशवासियों के लिए जरूरी और प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए न्यूट्रीशन पर काम कर रहा है. पोल्ट्री सेक्टर हर साल 100 करोड़ रुपये का योगदान देता है. लेकिन 1.35 लाख करोड़ रुपये की लागत वाला पोल्ट्री सेक्टर आज कई मुद्दों से जूझ रहा है. 

खासतौर पर पोल्ट्री फीड को लेकर सेक्टर की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. सोया मील और पोल्ट्री उपकरणों पर जीएसटी के बोझ से ये परेशानी और बढ़ रही है. अगर सरकार कीमतों को स्थिर करने, किफायती फीड सुनिश्चित करने और खासतौर से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को लोन देने की सीमा का विस्तार करके लोन देने के नियमों तक आम पोल्ट्री किसान की पहुंच को आसान बनाना होगा. 

पोल्ट्री को मजबूत बनाने के लिए ये भी हो रही मांग 

  1. सोया मील और प्रोसेसिंग से जुड़ी मशीनरी पर जीएसटी में छूट दी जाए. 
  2. पोल्ट्री फीड को कंट्रोल करने के लिए मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए. 
  3. पशु रोगों से निपटने के लिए फास्ट-ट्रैक वैक्सीन आयात प्रोटोकॉल लागू हो. 
  4. बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए स्कूली भोजन में अंडा शामिल किया जाए. 
  5. डिमांड वाले देशों में पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए "फोकस सेक्टर" की जरूरत है.

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