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Buffalo Breed: हर रोज 15 लीटर दूध देने की है क्षमता, इस भैंस के साथ खूब फायदा कमा सकते हैं आप

Buffalo Breed: हर रोज 15 लीटर दूध देने की है क्षमता, इस भैंस के साथ खूब फायदा कमा सकते हैं आप

महाराष्ट्र की तमाम डेयरी फार्म में पंढरपुरी भैंस पाई जाती हैं. यह अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए लोकप्रिय है. ये भैंस हर साल औसतन 1500 लीटर दूध उत्पादन देती है. इतना ही नहीं डेयरी क्षेत्र में भैंस की इस नस्ल का अहम योगदान है.

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 अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए लोकप्रिय है भैंस की यह नस्ल अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए लोकप्रिय है भैंस की यह नस्ल

भारत में गाय के साथ भैंसों का भी पालन किया जाता है. भैंस के दूध में फैट की मात्रा अधिक होने के कारण बाजार में भैंस के दूध की मांग भी ज्यादा रहती है. डेयरी प्रोडक्ट्स में भी भैंस के दूध का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में पशुपालक भैंस की अलग-अलग नस्लों का पालन करते हैं. भैंस की कई नस्लें ऐसी हैं जिसका पालन सिर्फ और सिर्फ दूध उत्पादन के लिए किया जाता है. ऐसी ही एक नस्ल है पंढरपुरी भैंस. जानिए इससे जुड़ी पूरी डिटेल.

"पंढरपुरी भैंस" शब्द भारतीय राज्य महाराष्ट्र में पंढरपुर के क्षेत्र में पाई जाने वाली भैंस के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे पंधारी या महाराष्ट्र भैंस के भी नाम से जाना जाता है. यह नस्ल अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जानी जाती है और इस नस्ल की भैंसों का पालन दूध उत्पादन के लिए किया जाता है. ये भैंस हर दिन 15 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है.

पंढरपुरी भैंस की पहचान कैसे करें

पंढरपुरी भैंस नस्ल की उत्पत्ति पंढरपुर क्षेत्र में हुई, जो भारत के महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित है. इस भैंस का आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा होता है. इसका चेहरा लंबा और चौड़ा होता है. इसके कान बड़े और झुके हुए होते हैं और इसकी पीठ पर एक कूबड़ होता है. पंढरपुरी भैंस आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग की होती है.

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पंढरपुरी भैंस की खासियत

पंढरपुरी भैंस की लोकप्रियता के मुख्य कारणों में से एक इसकी उच्च दूध उत्पादन क्षमता है. यह पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन करने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है. इसके दूध में फैट की भरपूर मात्रा होती है. ये भैंसें स्थानीय जलवायु के अनुकूल होती हैं और अत्यधिक तापमान के साथ ही पानी और चारे की कमी जैसी परिस्थितियों का सामना भी कर सकती हैं.

पंढरपुरी भैंसों को अन्य भैंसों की तरह ही पाला जा सकता है. इसके सही स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को बनाए रखने के लिए उचित पोषण, स्वच्छ पानी और नियमित पशु चिकित्सा की आवश्यकता होती है.

डेयरी क्षेत्र में इस नस्ल का है बोलबाला

पंढरपुरी भैंस महाराष्ट्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से डेयरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इन भैंसों से दूध उत्पादन क्षेत्र के कई किसानों की आजीविका बेहतर बनाने में मदद मिलती है. इसके अतिरिक्त इस नस्ल ने अपनी उच्च दूध उपज और गुणवत्ता के कारण मान्यता और लोकप्रियता भी हासिल की है.

घी, मक्खन और दही जैसे उत्पाद बनाने में किया जाता है इस्तेमाल

पंढरपुरी भैंस से प्राप्त दूध का उपयोग आमतौर पर घी, मक्खन और दही जैसे विभिन्न डेयरी उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल मिठाइयों और अलग-अलग व्यंजन बनाने में भी किया जाता है.