यूपी में दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति में बड़ा बदलाव, किसानों को पशुपालन सब्सिडी का ज्यादा मिलेगा लाभ

यूपी में दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति में बड़ा बदलाव, किसानों को पशुपालन सब्सिडी का ज्यादा मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार की यह नई नीति डेयरी क्षेत्र में निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल किसानों और उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की आर्थिक विकास और पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी.

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यूपी में दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति में बड़ा बदलाव, किसानों को पशुपालन सब्सिडी का ज्यादा मिलेगा लाभदूध उत्पादन नीति में बड़ा बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी उद्योग को और मज़बूत करने के लिए "दुग्धशाला विकास और दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022" में दूसरा बदलाव किया है. इस नीति का उद्देश्य है कि राज्य में दूध से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिले, नए निवेश आएं, किसानों और उद्यमियों को अच्छा लाभ हो, और उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पाद मिलें. साल 2022 में शुरू हुई यह नीति खास तौर पर दूध से जुड़े उद्योगों के विकास के लिए बनाई गई थी. इसके तहत डेयरी प्लांट, दूध प्रोसेसिंग यूनिट, पशु आहार बनाने की फैक्ट्री जैसी परियोजनाओं को सरकार की तरफ से कई तरह की छूट और अनुदान दिए जाते हैं.

अब सरकार ने इसमें दूसरा बड़ा बदलाव किया है ताकि यह नीति उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के अनुकूल हो जाए. इसका मतलब यह है कि अब डेयरी सेक्टर में निवेश करने वालों को भी उतने ही फायदे मिलेंगे जितने अन्य फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में मिलते हैं.

किन-किन परियोजनाओं को मिलेगा लाभ?

डेयरी प्लांट/फैक्ट्री लगाने पर

  • कुल लागत का 35 फीसद तक अनुदान
  • अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक

पशु आहार और पोषण उत्पाद यूनिट लगाने पर

  • लागत का 35 फीसद, अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक

पुराने डेयरी प्लांट का आधुनिकीकरण

  • लागत का 35 फीसद, अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये तक

ट्रेसेबिलिटी और क्वालिटी कंट्रोल उपकरण

  • लागत का 35 फीसद, अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक

कोल्ड चेन सिस्टम

  • लागत का 35%, अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक

माइक्रो यूनिट (छोटे स्तर की इकाइयां)

  • मशीनरी लागत का 50 फीसद, अधिकतम 50 लाख रुपये तक

महिलाओं को मिलेगा खास लाभ

अगर कोई महिला उद्यमी सौर ऊर्जा आधारित 75 केवीए की बिजली परियोजना लगाती है, तो उसे 90 फीसद तक अनुदान मिलेगा. पुरुष उद्यमियों को भी ऐसी परियोजनाओं पर 50% तक सब्सिडी दी जाएगी. 

पहले आओ पहले पाओ

जो परियोजनाएं पहले से ही ऑनलाइन पोर्टल पर सबमिट हो चुकी हैं, उनके लिए अनुदान और छूट पुराने नियमों के अनुसार ही दिए जाएंगे. यानी अगर आपने इस योजना के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है तो आपको सरकार की ओर से अधिक छूट दी जाएगी. 

नीति से क्या होंगे फायदे?

नई नौकरियां पैदा होंगी
दूध उत्पादकों को बेहतर कीमत मिलेगी
उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण दूध और दूध से बने उत्पाद मिलेंगे
नवीन तकनीक और सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा
महिला उद्यमिता को मिलेगा प्रोत्साहन

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