जोह्न की बीमारी, जिसे पैराट्यूबरकुलोसिस भी कहते हैं, एक गंभीर आंतों की बीमारी है जो गाय, भैंस, बकरी और भेड़ जैसे पालतू जानवरों को प्रभावित करती है. यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम एवियम उपप्रजाति पैराट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium avium subspecies paratuberculosis, MAP)नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. इसका इलाज मुश्किल और खर्चीला होता है, इसलिए बचाव और जल्दी पहचान बहुत जरूरी है.
बीमारी संक्रमित जानवर के मल, दूध, थनों (टीट्स) या संक्रमित पानी/चारे के संपर्क में आने से फैलती है.
बछड़े अपनी मां से गर्भ में या दूध पीते समय संक्रमित हो सकते हैं.
यह बीमारी धीरे-धीरे फैलती है और लक्षण दिखने में कई साल लग जाते हैं.
संक्रमित जानवर लक्षण दिखने से पहले भी बीमारी फैला सकते हैं.
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भारत में बड़ी संख्या में मवेशी इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन कभी जांच नहीं करवाई जाती.
यहां स्थानीय जांच किट या निदान साधन की कमी है, जबकि विदेशों में ELISA किट जैसे उपकरण आम हैं और तेजी से निदान में मदद करते हैं.
नोट: कोई एक टेस्ट पूरी तरह सटीक नहीं होता, इसलिए दो या ज्यादा टेस्ट मिलाकर सही निष्कर्ष निकाला जाता है.
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