Leptospirosis Infection: मानसून में कई सारी बीमारियां घेर लेती हैं. उन्हीं में से एक है लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis). इस खतरनाक लेप्टोस्पायरोसिस ने वाराणसी में दस्तक दी है. यह बीमारी चूहे के मूत्र के जरिये बच्चों में फैल रही है. सूत्रों के मुताबिक वाराणसी में अब तक 10 बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं. जिनका इलाज शहर के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. फिलहाल जिले के सीएमओ लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारी के मरीज मिलने की अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.
मामले में इंडिया टूडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में वाराणसी जिले के सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में जानकारी मिली है. फिलहाल किसी बच्चों की जांच रिपोर्ट में इस तरह की बीमारी के लक्षण नहीं मिले है. चौधरी ने आगे बताया कि बीएचयू की तरफ से कोई भी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. उन्होंने बताया कि इससे पहले 2013 में मामले सामने आए थे.
सीएमओ ने बताया इससे पहले लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी 40-45 आयु वर्ग के लोगों को होती थी. लेकिन इसके शिकार अब बच्चे भी हो सकते है. यह बीमारी चूहे के मूत्र के जरिये बच्चों में फैलती है. इसमें डेंगू की तरह ही बुखार आता है, यह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है. पहले सामान्य बुखार होता है. सही इलाज न मिले तो बुखार 10 से 15 दिन रहता है. इससे कभी पीलिया तो कभी हार्ट फेल होने का खतरा रहता है.
बीएचयू के जीवविज्ञानी इस पर शोध कर रहे है. दरअसल, 1980 में सबसे पहले इस बैक्टीरिया की पहचान चेन्नई की गई थी. उत्तर प्रदेश में पहला मरीज 2004 में मिला था.
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43 वर्षों में बैक्टीरिया ने अपना स्वरूप बदल लिया है. पहले जहां यह 40 से 45 आयु वर्ग को प्रभावित कर रहा था. इस बार के संक्रमण में बच्चे इसकी जद में सबसे ज्यादा है.
बुखार, शरीर, पीठ और पैरों में तेज दर्द, आंख में लाली, पेट में दर्द, खांसी, खांसी के साथ खून आना, सर्दी के साथ बुखार आना और शरीर में लाल चकत्ते. बुखार 104 डिग्री से अधिक हो सकता है.
जिस तालाब में जानवर जाते हैं, वहां नहाने से बचें
चूहे घर में हैं तो सावधानी बरतें
बाहर से लाए गए प्लास्टिक के पैकेट को साफ करके इस्तेमाल करें
मानसून के दौरान स्विमिंग, वाटर स्कीइंग, सेलिंग से बचें
घर के पालतू जानवरों की साफ-सफाई पर भी जरूर ध्यान दें
अपने पालतू जानवरों को लेप्टोस्पायरोसिस के खिलाफ टीका लगवाएं, क्योंकि वे इससे इन्फेक्टेड हो सकते हैं. और बैक्टीरिया को मनुष्यों तक पहुंचा सकते हैं. कुछ उपाय करके इस इंफेक्शन के खतरे को टाला जा सकता है.
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