Tuna Investors Meet: टूना की मदद से सीफूड एक्सपोर्ट में एक लाख करोड़ का टॉरगेट छूने की तैयारी, पढ़ें डिटेल 

Tuna Investors Meet: टूना की मदद से सीफूड एक्सपोर्ट में एक लाख करोड़ का टॉरगेट छूने की तैयारी, पढ़ें डिटेल 

जॉर्ज कुरियन, केंद्रीय राज्यमंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का कहना है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मछली पालन और पर्यटन की बहुत गुंजाइश है. संसाधान भी बहुत हैं. दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से निकटता, समुद्री और हवाई व्यापार की सुविधा इसे और सक्षम बनाती है. 

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Tuna Investors Meet: टूना की मदद से सीफूड एक्सपोर्ट में एक लाख करोड़ का टॉरगेट छूने की तैयारी, पढ़ें डिटेल अंडमान निकोबार में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है.

मौजूदा वक्त में भारत से सीफूड एक्सपोर्ट करीब 65 हजार करोड़ रुपये का है. लेकिन जल्द ही एक लाख करोड़ रुपये के टॉरगेट को छूने की तैयारी चल रही है. इसमे सबसे ज्यादा योगदान झींगा का है. और अब इस टॉरगेट को छूने के लिए टूना की मदद ली जा रही है. यही वजह है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है. आज से इन्वेस्टर्स मीट की शुरुआत हो चुकी है. मीट का आयोजन केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है. 

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय राजीव रंजन सिंह ने कहा कि आज विश्व में टूना का 40 अरब डॉलर का कारोबार है. जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टूना मछली भरपूर मात्रा में है. यहां छह लाख वर्ग किमी का एक्सक्लूसिव इकनोमिक जोन है. यहां उच्च मूल्य वाली 60 हजार मीट्रिक टन टूना है. जिसमे येलोफिन 24 हजार और स्किपजैक दो हजार मीट्रिक टन शामिल हैं. लेकिन मौजूदा वक्त में सिर्फ 4420 मीट्रिक टन टूना मछली ही पकड़ी जा रही है. 

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विदेशों में अंडमान की टूना बेचने की ऐसे हो रही तैयारी

मछली पालन विभाग, भारत सरकार ने हाल ही में (PMMSY) के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टूना क्लस्टर बनाने की शुरुआत कर दी है. इससे फायदा ये होगा कि टूना मछली पालन में ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचा तैयार करने, निवेशक भागीदारी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में निवेश पर काम करने में आसानी होगी. इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से एक्सपोर्ट बढ़ाने की पूरी गुंजाइश है. इतना ही नहीं निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने और प्रोसेसिंग सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने अंडमान और निकोबार में आधुनिक मछली पकड़ने के बुनियादी ढांचे के निर्माण की भी बात कही.

दूसरी ओर लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डीके जोशी ने मछली पालन क्षेत्र के सामने प्रमुख चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया के साथ सीमित संपर्क के कारण रसद संबंधी मुद्दे, MPEDA और EIC कार्यालयों (चेन्नई निकटतम कार्यालय है) नहीं होने की वजह से व्यापार मंजूरी में देरी होती थी. बेहतर परिवहन बुनियादी ढांचे की कमी है. हालांकि इन चुनौतियों से निपटने के लिए  अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ कुआलालंपुर, इंडोनेशिया को जोड़ने वाली सीधी उड़ान का उद्घाटन 16 नवंबर, 2024 को होने जा रहा है. साथ ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए MPEDA और EIC ने पोर्ट ब्लेयर में डेस्क कार्यालय स्थापित कर दिए हैं. ऐसा होने से व्यापार मंजूरी के काम में तेजी आएगी और सुचारू संचालन की सुविधा मिलेगी.

मीट में आए टूना फिशिंग और सीवीड टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट 

टूना फिशिंग और सीवीड टेक्नोलॉजी से संबंधित टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाले देश के विभिन्न हिस्सों के निवेशकों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया. एक्सपर्ट के तौर पर शामिल हुए लोगों में मर्चेंट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, उदय एक्वा कनेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद, सैम्स डिस्कस इंडिया, मुंबई, एक्वालाइन एक्सपोर्ट्स, केरल, एएनईएमको प्राइवेट लिमिटेड, श्री विजया पुरम, सी6 एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर, एस राजा राव सी फूड्स, श्री विजया पुरम, जोकॉन्स मरीन एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, गोवा, नीला मरीन एक्सपोर्ट, श्री विजया पुरम, लो नाउ कार्गो इंपोर्ट लिमिटेड, थाईलैंड, बाबला पर्ल्स, मुंबई, कॉन्टिनेंटल मरीन, विशाखापत्तनम लिमिटेड, मैसूर, मदरहुड फूड्स, बंगलौर, जिलानी मरीन प्रोडक्ट्स, रत्नागिरी, जेड ए फूड प्रोडक्ट्स, कोलकाता, कैनेरेस एक्वाकल्चर एलएलपी, कर्नाटक और ब्लू कैच, मुंबई आदि हैं. 

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