Types of Poultry Farming पोल्ट्री फार्मिंग कितने प्रकार का होता है, यहां जानें

Types of Poultry Farming पोल्ट्री फार्मिंग कितने प्रकार का होता है, यहां जानें

कई लोग चिकन और अंडों के लिए बड़े पैमाने में मुर्गी पालन कर तो लेते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि मुर्गियों के बीच कुछ विशेष अंतर होते हैं, आइए तीनों के बीच इन अंतरों को विस्तार से जानते हैं.

Advertisement
 Types of  Poultry Farming पोल्ट्री फार्मिंग कितने प्रकार का होता है, यहां जानेंमुर्गियों के बीच होते हैं ये सामान्य अंतर, फोटो साभार: Freepik

मौजूदा वक्त में मुर्गी पालन का बिजनेस करके काफी लोग शानदार मुनाफा कमा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में इसके मांग में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. वही मुर्गी पालन का बिजनेस उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, जो एगरी बिजनेस में अपना करियर बनाना चाहते हैं.

ध्यान देने वाली बात यह है कि कई लोग चिकन और अंडों के लिए बड़े पैमाने में मुर्गी पालन कर तो लेते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता की मुर्गियों के बीच कुछ विशेष अंतर होते हैं. सामान्य तौर पर मुर्गियां पालन-पोषण के आधार पर 3 प्रकार की होती हैं, जिनमें देसी ब्रायलर और लेयर शामिल हैं. ऐसे में आइए आज इन तीनों के बीच के अंतर को जानते हैं-

ब्रायलर

इन मुर्गियों को नियंत्रित तापमान और आहार के साथ स्वच्छ परिवेश में रखा जाता है. ब्रायलर मुर्गियों को केवल उनके मांस के लिए रखा जाता है. कम समय में अधिक से अधिक मांस प्राप्त करने के लिए इन सभी मुर्गियों पर एक ही तरह का आहार और एक समान मौसम में रखने का बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए इनके खान-पान और रख रखाव का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. यदि बात करें इनके मांस की तो सामान्य मुर्गियों को बूचड़ खाने तक पहुंचने में लगभग 120 दिन लगते हैं,और ब्रायलर चूजों कोलगभग 30 दिन का समय लगता है.

ये भी पढ़ें 
- किसान राशन दुकानों के माध्यम से क्यों कर रहे हैं गन्ना बांटने की मांग?
- मोटे अनाजों की बड़े पैमाने पर खरीदा जाएगा, राज्यों को प्रदान की जाएगी वित्तीय सहायता: तोमर

लेयर 

व्यापार की दृष्टि से अंडे प्राप्त करने के लिए इन मुर्गियों का पालन किया जाता है. जन्म के समय से ही इन लेयर मुर्गियों की ठीक से देखभाल करने की आवश्यकता होती है. 17 सप्ताह में इनके शरीर का वजन 1.2 किलो होता है जो 76 सप्ताह में 1.7 किलो हो जाता है. अंडे देने की अवधि 19 सप्ताह से शुरू होती है और 72 सप्ताह तक देती है. एक अंडे का औसत वजन 60.5 ग्राम होता है. वहीं एक मुर्गी लगभग 330 अंडे देती है.

देसी मुर्गियां

देशी मुर्गियां सभी पालतू हैं. जिनका पालन छोटे पैमाने पर किसानों द्वारा किया जाता है, जिसमें किसान की भागीदारी बहुत कम होती है. इन मुर्गियों की खानपान की बात करें तो ये रसोई से निकलने वाले अवशेष, दाने और फल- सब्जियों को खाती हैं. इसके अलावा इधर-उधर दौड़ने और कीड़े या कीड़ों के लिए जमीन की खोज में बिताती हैं. ये मुर्गियां देश में लगभग हर जगह आसानी से देखने को मिल जाती हैं.

POST A COMMENT