Goat Farming: जानें बकरी एक्सपर्ट क्यों बोले, सोशल मीडिया पर डालें बकरे-बकरी की फोटो

Goat Farming: जानें बकरी एक्सपर्ट क्यों बोले, सोशल मीडिया पर डालें बकरे-बकरी की फोटो

सिर्फ बकरी पालने पर ध्यान देने से ही इनकम नहीं बढ़ेगी. इसलिए यह जरूरी है कि बकरियों की मार्केटिंग भी हो. बाजार में बकरे-बकरियों की खूबियों को बताया जाए. बाजार में आप अच्छे बकरे बेच रहे हैं इसके लिए सोशल मीडिया पर फार्म का प्रचार किया जाए. 

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Goat Farming: जानें बकरी एक्सपर्ट क्यों बोले, सोशल मीडिया पर डालें बकरे-बकरी की फोटोबकरियों का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तक

बकरी पालन तेजी से बढ़ने वाला कारोबार बनता जा रहा है. अब पांच-दस बकरी चराना ही बकरी पालन नहीं रह गया है. बीए-बीएससी, इंजीनियरिंग-एमबीए और पीएचडी करने वाले भी बकरी पालन कर रहे हैं. सरकारी स्कीम का फायदा उठाने वालों में भी बकरी पालन के आवेदन की संख्या ज्यादा है. लेकिन बकरी पालन से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन में मुनाफा कमाने के लिए पालन के साथ ही मार्केटिंग पर भी पूरा ध्यान देना होगा. इसके लिए सोशल मीडिया की मदद ली जा सकती है. खूबियां बताते हुए अपने बकरे-बकरियों के फोटो फेसबुक पर डालें. 

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा इसकी ट्रेनिंग दे रहा है. बकरा हो या बकरी वो वक्त से अच्छे दाम पर बिक भी जाए, इसलिए यह जरूरी है कि बकरियों की मार्केटिंग की जाए. बाजार में आप अच्छे बकरे बेच रहे हैं इसके लिए फार्म का प्रचार करना भी जरूरी हो गया है. अब तो यह काम सोशल मीडिया पर फ्री में भी हो जाता है.

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इसलिए जरूरी है बकरों का सोशल मीडिया पर प्रचार 

बरबरी बकरी एक्सपर्ट राशिद ने किसान तक को बताया कि आमतौर पर बकरे-बकरी को बेचने के लिए हाट ही एक मात्र साधन है. लेकिन आपकी बकरी मोटी-ताजी है, दूध भी खूब देती है. बच्चे भी साल में दो बार दे रही है और हर बार दो और तीन बच्चे दे रही है. अगर आप अपनी बकरियों की इन खूबी का प्रचार करते हैं तो ग्राहक आपके फार्म तक भी आएगा. लेकिन इसके लिए आपको अपनी बकरी का प्रचार सोशल मीडिया पर करना होगा. तभी कोई ग्राहक आप तक पहुंचेगा. वर्ना तो अपने अच्छे बकरे और बकरियों को बेचने के लिए भी आपको हाट के चक्कर लगाने होंगे.

सोशल मीडिया पर फोटो के साथ बताएं बकरे की क्वालिटी 

सीआईआरजी के डॉयरेक्टर मनीष कुमार चेटली ने किसान तक को बताया कि साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने के साथ ही यह भी जरूरी है कि आप उसके लिए अच्छा बाजार तलाशे. या फिर बकरे-बकरी के ग्राहकों को अपने फार्म तक लेकर आएं. क्योंकि आपसे 50-100 किमी दूर बैठे ग्राहक को नहीं पता कि आपके फार्म की क्या क्वालिटी है. और न ही आपका फार्म सड़क किनारे किसी दुकान-शोरुम की तरह से है कि आते-जाते किसी की भी निगाह उस पर जाएगी. 

मनीष कुमार चेटली ने ये भी बताया कि आज सोशल मीडिया के जमाने में अपने कारोबार का प्रचार करना बहुत ही आसान और फ्री का या यह कह लें कि ना के बराबर खर्च का है. आपको तो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर बकरे और बकरी का फोटो डालकर दो-चार लाइन में उसकी खूबियों को लिखना है. फार्म की फोटो डालकर यह बताना है कि इस जगह बकरे और बकरियों का फार्म है. यहां बकरे-बकरी बिकते हैं. आज इस जरूरत को समझते हुए हम अपने संस्थान में ट्रेनिंग के लिए आने वाले किसान और पशुपालकों को भी यह सिखाते हैं. 

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बकरा है तो सोशल मीडिया पर ऐसे करें प्रचार 

बकरी एक्सपर्ट राशिद का कहना है कि अगर आप बकरा बेच रहे हैं तो उसकी खूबियां अलग होंगी और बकरी बेच रहे हैं तो उसकी अलग. जैसे बकरा बेचना है तो उसके बारे में आपको बताना होगा कि वो किस नस्ल का है. उसकी उम्र बतानी होगी. उसका वजन कितना है. प्योर नस्ल है तो वो बताना होगा, नहीं तो उसके मां-बाप के बारे में पूरी डिटेल शेयर करनी होगी. अगर बाजार में ईद के लिए बकरे खरीदे जा रहे हैं तो आपको उसके दांत कितने हैं या भी बताना होगा. बकरा चोटिल नहीं है और न ही उसके पैर, कान, पूछ कहीं से भी कटे हैं. उसके सींग भी कहीं से नहीं टूटे हैं. कुल मिलाकर बकरे की खूबसूरती बयां करनी होगी. क्योंकि चोटिल और कहीं से कटे बकरे की कुर्बानी नहीं होती है. 

 

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