सिर्फ दूध बेचने से न तो अच्छा मुनाफा आएगा और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इसलिए जरूरी है कि दूध को ज्यादा से ज्यादा दही, घी-मक्खन समेत दूसरे प्रोडक्ट में बदलकर बेचा जाए. आज लोगों को प्रोटीन की जरूरत है. वेजिटेरियन प्रोटीन का नाम आते ही डेयरी प्रोडक्ट की तरफ देखते हैं. ये कहना है डेयरी एक्सपर्ट का.
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देश में दूध की कोई कमी नहीं है. साल 2023-24 में 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही देश में दूध उत्पादन दोगुना हो जाएगा. लेकिन असल मुद्दा ये है कि पशुपालकों और डेयरी कारोबारियों का मुनाफा कैसे बढ़े, घरेलू और एक्सपोर्ट बाजार में डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड कैसे बढ़े. इसी विषय पर चर्चा करते हुए डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में सिर्फ दूध बेचने से काम नहीं चलेगा. दूध की प्रोसेसिंग कर उसके प्रोडक्ट बनाने होंगे.
लोकल ब्रांड बनकर लोगों से जुड़ना होगा. और इससे भी ज्यादा जरूरत डेयरी प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर ध्यान देने की है. मुनाफा भी बढ़ेगा और बाजार में डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड भी आएगी. वर्ना तो दूध का घटता उत्पादन बड़ी परेशानी बन सकता है. वहीं पशुपालकों को भी इस पेशे में रोकने के लिए ये सब बहुत जरूरी है. एक मीडिया रिपोर्टस में डेयरी एक्सपर्ट ने अपनी ये परेशानी जाहिर की है.
जानें डेयरी के मौजूदा हालात पर क्या बोले एक्सपर्ट
भारत का संगठित डेयरी सेक्टर नए बाजारों की तलाश में लग गया है. कंपनी छोटी हो या बड़ी सभी दूध से बने अलग-अलग प्रोडक्ट लाकर अपने बाजार को मजबूत करने में लगे हुए हैं. उनका मानना है कि इसी से मुनाफा बढ़ेगा. क्योंकि सिर्फ दूध बेचकर बाजार में एंट्री की जा सकती है, लेकिन बड़ा मुनाफा सिर्फ डेयरी प्रोडक्ट से ही आता है.
आविष्कार समूह की रणनीति और वित्त प्रबंध निदेशक शिल्पा माहेश्वरी का कहना है कि "दूध सिर्फ एक शुरुआत है. दूध से रेवेन्यू आता है, लेकिन मार्जिन कम है. असल मुनाफा दही और दूध से बने दूसरे प्रोडक्ट बनाकर ही आएगा.
अक्षयकल्प ऑर्गेनिक के सीईओ और सह-संस्थापक शशि कुमार ने कहा कि निश्चित खपत पैटर्न कंपनियों को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते हैं. असल मुनाफा डेयरी प्रोडक्ट का पोर्टफोलियो बड़ा करने से ही आएगा.
ID Fresh Foods के CEO (भारत) रजत दिवाकर ने मुनाफे के लिए प्रोटीन युक्त डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग की ओर इशारा किया.
हेरिटेज फूड्स के CEO श्रीदीप नायर केसवन के अनुसार, हैदराबाद स्थित हेरिटेज फूड्स ने प्रोबायोटिक बटर मिल्क और प्रोबायोटिक दही लॉन्च किया है.
व्यापार और ब्रांड रणनीति विशेषज्ञ हरीश बिजूर ने डेयरी सेक्टर में एक बड़ी लड़ाई की भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि प्रोटीन की लड़ाई में जो खिलाड़ी हावी होंगे, और वो बाजार की लड़ाई जीतेंगे, क्योंकि डेयरी ब्रांडों के लिए भूगोल इतिहास है. हम नए बाजारों में और ज्यादा खिलाड़ियों को प्रवेश करते देखेंगे.
डेयरी के हालात को देखते हुए ही अमूल ने अमेरिका और यूरोप के बाजार में एंट्री की है. कर्नाटक की नंदिनी डेयरी ने दिल्ली में कदम बढ़ा दिए हैं. हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड (HAP) ने ओडिशा में डेयरी स्टार्ट-अप मिल्क मंत्रा को 233 करोड़ रुपये लगाकर अधिग्रहित किया है.