भारतीयों की थाली में हर साल बढ़ रही 1 अंडे की खुराक, जानें कुल क‍ितनी है खपत

भारतीयों की थाली में हर साल बढ़ रही 1 अंडे की खुराक, जानें कुल क‍ितनी है खपत

डॉक्टर और डायटिशियन के मुताबिक जरूरी प्रोटीन के लिए अंडे का सफर अभी अधूरा है. बहुत सारे लोग एक अंडा भी नहीं खा रहे हैं, वहीं कुछ लोग सिर्फ एक ही अंडा खा रहे हैं. जबकि हर रोज की जरूरत दो अंडों की है.

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भारतीयों की थाली में हर साल बढ़ रही 1 अंडे की खुराक, जानें कुल क‍ितनी है खपत   एक पोल्ट्री फार्म में रखे मुर्गी के अंडे.

“संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे.” नेशनल एग कोऑर्डिनेटर कमेटी (एनईसीसी) का टीवी पर आने वाला यह विज्ञापन कई मायनों में कामयाब होता दिखाई दे रहा है. प्योर और कम डाइट में ज्यादा प्रोटीन के लिए अंडे की खपत बढ़ रही है. पशुपालन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल हमारी खाने की थाली में एक अंडा बढ़ रहा है. पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक हर साल बढ़ने वाला अंडों का प्रोडक्शन भी इसी ओर इशारा कर रहा है. 

डॉक्टर और डायटिशियन के मुताबिक जरूरी प्रोटीन के लिए अंडे का सफर अभी अधूरा है. बहुत सारे लोग एक अंडा भी नहीं खा रहे हैं, वहीं कुछ लोग सिर्फ एक ही अंडा खा रहे हैं. जबकि हर रोज की जरूरत दो अंडों की है. खासतौर से बढ़ती उम्र के बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए तो अंडा बहुत ही ज्यादा जरूरी है. 

180 अंडे प्रति व्यक्ति है टारगेट 

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष और एक्सपर्ट रिंकी लूथरा का कहना है कि डायटिशियन और डॉक्टकर के मुताबिक हर एक इंसान को कम से कम दो अंडे रोजाना खाने चाहिए. कम से कम और आसान डाइट में अंडे से ज्याएदा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है. चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर आराम से खाए जाने वाला अंडा ही है. मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से मिलने और बनने वाला नाश्ता भी अंडा ही है. अंडे की खपत बढ़ने से जहां लोगों की हैल्थ बनेगी वहीं पोल्ट्री कारोबार भी देश की अर्थव्यवस्था में और ज्यादा योगदान देगा. इसके लिए हमे अंडे से जुड़े कुछ मिथक को भी तोड़ना होगा. 

जानें किस साल प्रति व्यक्ति के हिस्से में कितने अंडे आए

केन्‍द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2020-21 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगातार हमारे खाने में अंडों की संख्या बढ़ रही है. साल 1950-51 में हर साल प्रति व्यक्ति के हिस्से में 5 अंडे आते थे. लेकिन आज यानि 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 90 हो गई है. हालांकि पोल्ट्री सेक्टर की कोशिश है कि यह संख्या बढ़कर 180 हो जाए. इसके लिए पोल्ट्री संचालकों की संस्था एनईसीसी भी लगातार कोशिश कर रही है. हालांक‍ि अंडों की खपत को लेकर बीते 10-11 साल में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. 

साल          अंडे 
1950-51: 5 
1968-69: 10
1980-81: 15
1984-85: 19
1989-90: 25
1997-98: 30
2000-01: 36
2004-05: 42
2007-08: 47
2010-11: 53  
2013-14: 60
2015-16: 65    
2017-18: 73
2018-19: 79
2019-20: 86
2020-21: 90
 

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