Biosecurity in Poultry Farm: ब्रायलर पोल्ट्री फार्म बीमारी फ्री रखने को अपनाएं ये दो तरीके, खूब बढ़ेगा प्रोडक्शन
पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में बायोसिक्योरिटी अपनाकर मुर्गों का वजन भी बढ़ाया जा सकता है, साथ ही बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारियों को दूर कर मुर्गों की मौत के बाद होने वाले बड़े घाटे से भी बचा जा सकता है. लेकिन बायोसिक्योरिटी का इस्तेमाल एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें.
चिकन के लिए ब्रायलर मुर्गे पाले जाते हैं. इसीलिए उसे ब्रायलर पोल्ट्री फार्म कहा जाता है जहां इनका पालन होता है. ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का मुनाफा पूरी तरह से मुर्गों के वजन पर निर्भर होता है. वजन के हिसाब से ही इनकी बिक्री होती है. रेट भी वजन के हिसाब से ही तय होते हैं. कम वजन का मुर्गा महंगा और ज्यादा वजन वाला सस्ता होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि हर एक पोल्ट्री फार्मर की ये कोशिश होती है कि कम से कम लागत में जल्द मुर्गों का वजन बढ़ जाए.
इसके लिए जरूरी है कि मुर्गों को स्ट्रेस (तनाव) फ्री रखा जाए. और ये तभी मुमकिन है जब वो बीमारी रहित रहेंगे. पोल्ट्री फार्म में बायोसिक्योरिटी अपनाकर ब्रायलर फार्म में होने वाली बीमारियों को दूर किया जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि दो तरह की बायोसिक्योरिटी अपनाकर ब्रायलर मुर्गों को होने वाली बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है.