यूपी के सीएम ने पशुपालकों और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एक अच्छी पहल की है. साहीवाल, थारपारकर और गिर नस्ल की दो गाय पालने पर सरकार की तरफ से 80 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा. इस योजना का नंद बाबा मिशन के अंतर्गत चलेगी, जिसका नाम मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना है. जिसको लेकर प्रदेश सरकार ने कई मंडलों के साथ बांदा को भी इस योजना से जोड़ने का काम किया है. जिससे यहां के भी पशुपालकों को भी फायदा मिलेगा. इस योजना से पशुपालकों और किसानों को फायदा होगा. सब्सिडी की राशि फॉर्म भरने के बाद एक माह के अंदर लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी. इस योजना की खास बात यह है कि इसमें 50% महिलाओं को वरीयता दी जाएगी.
पशुपालकों और किसानों को दो लाख रुपये में दो ऐसी नस्ल की गाय को पालना होगा जो 10 से 12 लीटर से ज्यादा दूध देती हों.उनके रखने के लिए एक टीनशेड और घास काटने की मशीन भी खरीदी जाएगी. इस योजना में गौवंशों का 3 साल का पशु बीमा भी रहेगा. यह सब सुविधा होने पर सरकार 80 हजार रुपये सब्सिडी देगी. बाकी 1 लाख 20 हजार रुपये बैंक से ऋण लेकर किसान या पशुपालकों काम शुरू कर सकता है. यह पैसा लाभार्थी को ही भरना पड़ेगा.
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पशु पालन विभाग के उपनिदेशक मनोज अवस्थी ने आजतक को बताया कि इस योजना में ऑनलाइन और ऑफ लाइन के जरिये फॉर्म भरकर लाभ लिया जा सकता है. आधार कार्ड, बैंक अकाउंट की प्रति, सहित गायों को संरक्षित करने की जगह की फ़ोटो, साथ ही घास के लिए कृषि भूमि का आंकड़ा अटैच कर विकास भवन में पशु चिकित्सा अधिकारी, बीडीओ या सीडीओ ऑफिस में जमा कर सकते हैं. जिसमें जांच के बाद लाभार्थी को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
अवस्थी ने बताया कि इस योजना से गौवंशों की समस्या से भी निजात मिलेगी. साथ ही महिलाएं और पशुपालक दुग्ध उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनेंगे. इसमें 2 लाख रुपये में पशुपालकों के लिए व्यव्यस्था है, लेकिन सरकार की तरफ से इस योजना के तहत 80 हजार रुपये अनुदान के रूप में मिलेंगे. आजकल अधिकांश सरकारें पशुपालन पर फोकस कर रही हैं और उसके लिए मदद दे रही हैं. सरकारों का मानना है कि सिर्फ खेती से आय नहीं बढ़ेगी. इसके लिए पशुपालन भी करना होगा. दूध, घी भी बेचना होगा. साथ में गोबर और गोमूत्र की भी बिक्री हो रही है. ताकि किसानों और पशुपालकों की आय बढ़े.
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