बेशक ये फैसला बच्चों की सेहत और शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के मकसद से लिया गया है. लेकिन इसका एक बड़ा फायदा पश्चिीम बंगाल और उससे लगे राज्यों के पोल्ट्री फार्मर को मिलेगा. क्योंकि पश्चि म बंगाल में सरकार के एक फैसले से अंडों की डिमांड बढ़ने वाली है. नेशनल ऐग कोऑर्डिनेशन कमेटी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर एक रिपोर्ट शेयर की है. रिपोर्ट की मानें तो पश्चि म बंगाल में मिड-डे-मील (एमडीएम) में अंडों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है. मार्च से स्कूली बच्चों को हफ्ते में अब तीन-तीन अंडे खाने को मिलेंगे.
अभी तक बच्चों को हफ्ते में सिर्फ एक अंडा खाने को दिया जा रहा था. लेकिन नए सरकारी आदेश के मुताबिक हर हफ्ते मिलने वाले एक अंडे के अलावा दो अंडे हर हफ्ते और दिए जाएंगे. इस तरह बच्चों को मिलने वाले अंडों की संख्या तीन हो जाएगी. सरकार के इस बड़े फैसले का फायदा प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से लेकर क्लास आठवीं तक के बच्चों को मिलेगा.
महाराष्ट्र के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और पोल्ट्री फार्मर के लिए बुरी खबर है. महाराष्ट्र की सरकार ने एमडीएम में शामिल किए गए अंडे वापस लेने का फैसला लिया है. बच्चों में से कुपोषण दूर करने और प्रोटीन बढ़ाने के लिए पहले सरकार ने एमडीएम में बच्चों को अंडे देने का ऐलान किया था. इसके लिए 50 करोड़ रुपये देने की घोषणा हुई थी. लेकिन अब कुछ अज्ञात कारणों के चलते महाराष्ट्र सरकार अंडे खिलाने का फैसला वापस ले रही है.
यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अकबर अली का कहना है कि यूपी में अंडे की डिमांड ज्यादा है और उत्पादन कम है. ज्यादातर डिमांड बाहर से अंडे मंगाकर पूरी की जाती है. बाहर का अंडा आने से यूपी का अंडा भी बच जाता है. यूपी में अंडा उत्पादन बढ़ाने की पूरी क्षमता है. लेकिन बाजार में सही दाम न मिलने के चलते कोई आगे नहीं आना चाहता है. अगर एमडीएम में अंडा शामिल किया जाए तो दाम भी सही मिलने लगेंगे और डिमांड भी बढ़ जाएगी.
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