राजधानी लखनऊ स्थित कुकरैल पिकनिक स्पॉट देखकर बच्चे तो क्या बड़े भी रोमांचित होते हैं. बता दें कि कुकरैल वन क्षेत्र 350 एकड़ में फैला हुआ है. यहां सैलानी प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से आते है.
जहां पर आप असली जानवरों को करीब से देख सकते हैं और उनकी फोटो भी खींच सकते हैं. खास बात यह है कि यह कोई चिड़ियाघर नहीं है बल्कि एक म्यूजियम है, जहां पर घूमना एकदम मुफ्त है. असल में यह म्यूजियम है वन्य जीव संग्रहालय जोकि लखनऊ के कुकरैल में बना हुआ है.
बाघ के शव को इस म्यूजियम में रखा गया है, जिसे देखकर बच्चे तो क्या बड़े भी रोमांचित होते हैं. बताया जाता है कि इस म्यूजियम में लखनऊ में 1989 को घड़ियाल सेंटर से 400 मीटर की दूरी पर एक बाघ को विभागीय शिकारी द्वारा मारा गया था. यह बाघ भटककर शहरी इलाके में आ गया था. लखनऊ में इसका लंबे वक्त तक आतंक रहा इसीलिए इसे विभागीय शिकारी को मारना पड़ा था.
पूरे म्यूजियम में बड़े और खास जानवरों के प्रिजर्व किए गए शव को कांच के बड़े से शीशे में बंद करके रखा गया है, जो म्यूजियम में एकदम बीचों बीच है.
कुकरैल केंद्र को मुख्य रूप से घड़ियाल और मगरमच्छों के ब्रीडिंग सेंटर के तौर पर विकसित किया गया है. ऐसे में यहां के म्यूजियम में मगरमच्छ और घड़ियाल को भी प्रिजर्व करके रखा गया है.
अगर बच्चे भालू को करीब से देखना चाहते हैं, खास तौर पर भालू की दुर्लभ प्रजाति इस म्यूजियम में देख सकते हैं, आप शीशे के करीब जाकर आप आसानी से इनका दीदार कर सकते हैं.
यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर खुर्रमनगर के पास शिवपुरी कॉलोनी में स्थित है.अगर आप म्यूजियम को देखना चाहते हैं तो रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक जा सकते हैं. यह म्यूजियम कुकरैल पिकनिक स्पॉट में अंदर की ओर बना हुआ है.
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