आज के समय में खेती से लेकर पशुपालन के व्यवसाय में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और एक मोटी कमाई कर रहे हैं. लेकिन आज भी ग्रामीण जीवन में रहने वाले लोग परंपरागत तरीके से बकरी पालन कर रहे हैं. लेकिन उनके जीवन में कोई बदलवा नहीं आ रहा हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है. कैमुर जिले के रामपुर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सबार गांव के राम आशीष पाल की. जो लंबे समय से बकरी पालन कर रहे है. लेकिन उनके जीवन में आर्थिक बदलाव कुछ ख़ास नहीं हुए. फिर भी वो 40 बकरियों के दम पर परिवार का पालन पोषण कर रहें हैं. उनके घर पर मिठाई के नाम पर आटा-चीनी के घोल से मिष्ठान बनाए जातें हैं. देखिए उनके संघर्ष की कहानी
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