उत्तर प्रदेश की सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर इस बार प्राकृतिक, ऑर्गेनिक और रासायनिक विधि से गेहूं की खेती की गई है. समान क्षेत्रफल में बोई गई गेहूं की खेती से फसल की गुणवत्ता उत्पादन के साथ-साथ लागत मापने का काम किया जाएगा. जिससे कि किसानों के सामने तीनों विधियों से बोई गई फसल की साफ तस्वीर दिखाई जा सके. लखनऊ कृषि विज्ञान केंद्र पर भी तीनों विधियों से बोई गई फसल का प्रदर्शन किया गया है. हाल ही में ओलावृष्टि और बारिश से जहां गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है लेकिन ऑर्गेनिक और प्राकृतिक विधि से बोई गई गेहूं की फसल को नुकसान नहीं हुआ है.