UP Weather Today: उत्तर प्रदेश में लगातार मौसम बदल रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से प्रदेश में कहीं बारिश तो कहीं पर तेज हवा चलनी शुरू हो चुकी है. शनिवार को झांसी और आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि हुई. वहीं इटावा, गाजीपुर, हरदोई, हमीरपुर, कानपुर और आसपास भी बरसात रिकॉर्ड हुई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों पर गरज चमक के साथ बिजली चमकने और ओलावृष्टि के आसार हैं. पूर्वी यूपी में भी गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं.
अगर शनिवार की बात करें तो झांसी और आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई. दूसरी ओर इटावा, गाजीपुर से लेकर हरदोई, हमीरपुर, कानपुर व पास के क्षेत्रों में बारिश रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग की ओर से 14 अप्रैल यानी रविवार के दिन पश्चिमी यूपी के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, कई जिलों में आज भी बारिश होने की संभावना है.
आगरा में मौसम विभाग ने रविवार को ओलावृष्टि के पूर्वानुमान के साथ चेतावनी जारी की है. वहीं 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. मौसम विभाग ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने को एडवाइजरी जारी की है.
सहारनपुर, मेरठ, ज्योतिबाफुले नगर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा, महामायानगर, एटा, फिरोजाबाद, इटावा, मैनपुरी, जालौन, औरैया, झांसी और ललितपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. आने वाले दो दिन यहां तेज रफ्तार से आंधी चलने और जमकर बारिश होने के आसार हैं. इसके साथ ही ओले गिरने की संभावना जताई गई है.
पीलीभीत, रामपुर,आगरा
अमरोहा, बरेली, बिजनौर
कासगंज, मुरादाबाद
एटा और फिरोजाबाद के आसपास के क्षेत्र
राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान शनिवार को 37.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हरदोई में अधिकतम तापमान 38.5 न्यूनतम 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. कानपुर में अधिकतम तापमान 38.8 न्यूनतम 21.6 डिग्री सेल्सियस, लखीमपुर खीरी में अधिकतम तापमान 36.2 न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
गेहूं की कटती फसल के साथ आम के लिए भी यह ओलावृष्टि नुकसानदेय साबित होगी. हालांकि जिन किसानों ने गरमा सब्जियों की खेती की हैं उनके लिए यह बारिश फायदेमंद हो सकती है. हालांकि तेज बारिश की स्थिति में किसानों को सलाह दी जाती है कि वो खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें.