UP Weather Today: उत्तर प्रदेश में सर्दी का सितम जारी है. हालांकि राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में दोपहर के समय ठीक-ठाक निकली धूप ने आम जनता को बड़ी राहत देने का काम किया. आईएमडी के मुताबिक, 11 जनवरी यानी गुरुवार को पश्चिमी और पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. हालांकि कहीं-कहीं पर घना कोहरा पड़ने के आसार जताए गए हैं. वहीं इस दौरान प्रदेश के दोनों हिस्सों में कुछ जगहों पर कड़ाके की ठंडक भी पड़ सकती है.
इसी क्रम में बहराइच, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में कोल्ड डे रहने की संभावना है. इसके साथ ही मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और उसके आसपास के इलाकों में भी शरीर कंपाने वाली ठंड पड़ने वाली है. वहीं, लखनऊ में सुबह से घने कोहरे जैसी स्थिति दिख रही है. नोएडा और गाजियाबाद में भी ठंड और गलन लगातार बढ़ी हुई है. इसके साथ ही 12 जनवरी से 16 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. हालांकि इस अवधि में भी कई जगहों पर घना कोहरा पड़ने की संभावना जताई गई है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण धूप निकलने के बावजूद सर्द हवाओं का असर जारी रहा. दिन का अधिकतम तापमान भी 17 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि इससे पहले रात का न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा.
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कोहरे का असर पूरे प्रदेश में दिख रहा है. बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर और देवरिया में कोहरा पड़ने के आसार है. साथ ही गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले में भी कोहरा पड़ सकता है. हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली और अमेठी जिले में भी गुरुवार को ठीक ठाक कोहरा पड़ने की उम्मीद जताई गई है.
सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया और बिजनौर में भी कोहरा पड़ने के आसार है. अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, जालौन, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और उसके आसपास के इलाकों में भी कोहरा होने की संभावना है.
लखनऊ के गेहूं और जौ व्यापारियों का कहना है कि लगातार कई दिनों से चल रही शीतलहर के कारण गेहूं और जौ के उत्पादन में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है. यहां के व्यापारियों ने कहा कि कड़ाके की ठंड के दौरान ओस अधिक होती है जिससे जमीन में नमी बढ़ती है और फसलों को अतिरिक्त पानी मिलता है, जिससे गेहूं और जौ के दानों को अच्छे होते हैं. इससे सिंचाई का खर्च भी कम होता है क्योंकि ओस की नमी से उसकी भरपाई होती है.