ला-नीना पर सस्पेंस, भारी बारिश-बाढ़ को लेकर विदेशी एजेंसियों का नया दावा

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ला-नीना पर सस्पेंस, भारी बारिश-बाढ़ को लेकर विदेशी एजेंसियों का नया दावा

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एक रिपोर्ट की मानें तो अभी भारत में ला-नीना के एक्टिव होने के महीने पर असमंजस है. ला-नीना जरूर एक्टिव होगा, लेकिन किस महीने में होगा, इसमें थोड़ा सस्पेंस है. रिपोर्ट में इस बात की भी गारंटी नहीं ली गई है कि ला-नीना में जिस तरह के मौसमी बदलाव होते हैं, ठीक उसी तरह के बदलाव भारत में भी देखे जाएंगे. इसमें भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात बनते हैं.

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ला-नीना की एक्टिविटी को लेकर कई विदेशी वेदर मॉडल में जानकारी दी गई है. सात में चार मॉडल ने बताया है कि अभी अल-नीनो के न्यूट्रल रहने की पूरी संभावना है जबकि तीन मॉडल ने कहा है कि अगस्त से ला-नीना की स्थिति बननी शुरू हो जाएगी. ला-नीना के बारे में कहा गया है कि यह एक्टिव होगा, लेकिन इससे मौसमी बदलाव कितना होगा, इस बारे में नहीं कहा जा सकता.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि जून-अगस्त 2024 के दौरान अल-नीनो के न्यूट्रल रहने की संभावना 52 फीसदी तक है, उसके बाद इसमें गिरावट आएगी. उसके बाद ला-नीना का दौर शुरू होगा और सितंबर-नवंबर 2024 में यह पूरी तरह से एक्टिव हो जाएगा. ला-नीना के एक्टिव होने पर मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे.

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सितंबर-नवंबर के दौरान ला-नीना एक्टिव होने से देश में अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी. इससे पहले अल-नीनो का प्रकोप देखा जा रहा था. पिछले साल भारत में अल-नीनो का प्रभाव बहुत अधिक रहा जिससे मॉनसून में भी कई जगह सूखे के हालात रहे. इसका प्रभाव अभी तक देखा जा रहा है. बांधों में पानी का स्तर गिर गया है क्योंकि बीते मॉनसून में बारिश अच्छी नहीं हुई. अब प्री-मॉनसून में हुई बारिश से कुछ हालत में सुधार है.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने बताया है कि इस बार मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश होने की पूरी संभावना है. इसके पीछे वजह अल-नीनो के न्यूट्रल होने और ला-नीना के एक्टिव होने को बताया जा रहा है. केरल में 30 या 31 मई को मॉनसून दस्तक दे सकता है जिससे वहां बारिश शुरू हो जाएगी. वैसे केरल के कई जिलों में प्री-मॉनसून की भारी बारिश हो रही है जिससे जलभराव जैसी समस्या देखी जा रही है.

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अब उम्मीद है कि इस साल मॉनसून के बीच ला-नीना एक्टिव होगा तो भारी बारिश हो सकती है. इसमें एक आशंका भारी बारिश और बाढ़ की जताई जा रही है. अगर ना-नीना अधिक एक्टिव हुआ और साथ में पॉजिटिव आईओडी रहा तो भारी से बहुत भारी बारिश होगी जिससे बाढ़ के हालात बनेंगे. इससे खेती-बाड़ी को गंभीर नुकसान हो सकते हैं. किसानों की फसलें चौपट हो सकती हैं.

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देश में अच्छी बारिश के पीछे पॉजिटिव इंडियन डाइपोल (IOD) भी बड़ा कारण रहा है. अल-नीनो के बीच अगर आईओडी पॉजिटिव हो तो बारिश होती है, वरना सूखे के हालात होते हैं. पिछले साल आईओडी ने देश के कुछ हिस्सों में बारिश कराई थी. अभी देश में आईओडी न्यूट्रल है, इसलिए बारिश पर इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा है. आईओडी पॉजिटिव होते ही बारिश की मात्रा और भी बढ़ जाएगी.