जम्मू कश्मीर के रियासी जिले की महिलाएं अब मशरूम की खेती को अपनाकर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं. कम लागत और अपशिष्ट पदार्थों के इस्तेमाल से मशरूम उगाने की यह विधि, न केवल उनकी आय का जरिया बनी है, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनने का अवसर भी दे रही है.