दो भाइयों ने मशरूम से की 76 लाख की कमाई, बिजनेस आइडिया ऐसा कि आप भी करेंगे वाह

दो भाइयों ने मशरूम से की 76 लाख की कमाई, बिजनेस आइडिया ऐसा कि आप भी करेंगे वाह

उत्‍तराखंड के रामनगर और इसके आसपास के इलाके में ताजा मशरूम की कमी को देखते हुए दो भाइयों ने अपनी जमीन पर मशरूम फार्म शुरू कर एक बड़ा बिजनेस खड़ा कर लिया. इनका नाम सिद्धांत और सार्थक मेहरोत्रा है जिन्होंने वर्धमान एग्रो कंपनी बनाकर पहले साल में ही 2 करोड़ रुपये से ज्‍यादा के मशरूम बेचे और 76 लाख रुपये का मुनाफा हासिल किया है.

मशरूम की खेती. (फाइल फोटो)मशरूम की खेती. (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 22, 2024,
  • Updated Nov 22, 2024, 7:00 PM IST

उत्‍तराखंड के रामनगर के दो भाइयों ने सालभर में मशरूम की खेती कर एक सफल बिजनेस बना लिया है. सिद्धांत और सार्थक मेहरोत्रा की कंपनी वर्धमान एग्रो ने अपने पहले साल में ही 76 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. मेहरोत्रा परिवार का खेती-किसानी से कोई लेना-देना नही था, यह परिवार इलेक्ट्रॉनिक्स के बिजनेस में शामिल रहा है. ऐसे में दोनों भाइयों ने जब कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास होटलों और रेस्‍टोरेंट्स में ताजे मशरूम की कमी की समस्‍या देखी तो अपनी पारिवारिक जमीन पर मशरूम की खेती के बारे में सोचा. 

'कृषि जागरण' की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों भाइयों ने जब क्षेत्र में मशरूम फार्म ढूंढा तो पाया कि यहां ऐसा कोई नहीं है, जो ताजा मशरूम की डिमांड को पूरा कर सके और फिर दोनों ने इस बिजनेस को शुरू करने का फैसला किया. दोनों भाइयों ने इस बिजनेस के बारे में जानकारी जुटाई और रिसर्च की. साथ ही विशेषज्ञों से मशरूम उगाने की ट्रेनिंग भी ली. 

NHB की मदद से मिली सब्सिडी

सिद्धांत और सार्थक ने राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) के अध‍िकारियों से बिजनेस को लेकर मदद मांगी, जिसके बाद वहां से उन्‍हें फार्म तैयार करने में मदद के साथ सब्सिडी भी मिली. दोनों भाइयों ने DMRC सोलन और GBPUA&T पंतनगर जैसे कृषि संस्थानों से बात कर मशरूम उगाने के तरीके सीखे और काम में लग गए. 

ये भी पढ़ें - Kisan Career: मशरूम की खेती बनाएगी लखपति, एक्सपर्ट ने बताया उपज और खाद बनाने का तरीका, मिलेगा तीन गुना मुनाफा 

2023 शुरू होने तक दोनों भाइयों ने अपनी कंपनी वर्धमान एग्रो में मशरूम उगाने का काम शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्‍हें पहले साल के लिए 100 मीट्रिक टन मशरूम के उत्पादन का प्‍लान बनाया, लेकिन उनके अनुमान से बहुत ज्‍यादा 190 मीट्रिक टन उत्‍पादन मिला. वर्धमान एग्रो ने इस मशरूम को 115 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बेचा और 2.18 करोड़ रुपये का रेवेन्‍यू हासिल क‍िया.

पहले साल में हुआ 76 लाख का मुनाफा

सारे खर्च और लागत निकालने के बाद उन्‍हें पहले साल में ही 76 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. वर्धमान एग्रो के फार्म में एग्रीकल्‍चर वेस्‍ट का उपयोग किया जाता है. यही वजह है कि उनका खेत पर्यावरण के अनुकूल है. दोनों भाइयों की सफलता से प्रेरित होकर इलाके के दूसरे किसानों ने भी मशूरम की खेती में रूच‍ि दिखाई है और NHB से संपर्क किया है. वर्धमान एग्रो फार्म में स्थानीय युवाओं और महिलाओं को नौकरी मिली है, जिससे क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिली है.

मशरूम फार्मों का नेटवर्क बनाना लक्ष्‍य

दोनों भाइयो ने बताया कि वे अब दूसरे किसानों की भी मशरूम फार्म शुरू करने में मदद रहे हैं. अपने भविष्‍य की योजनाओं को लेकर सिद्धांत और सार्थक ने कहा कि वे अब अपने फा‍र्म पर मशरूम की नई वैरायटी उगाकर उत्‍पादन और बढ़ाना चाहते हैं. अधिक मशरूम का उत्पादन करके और नई किस्में जोड़कर अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते हैं. इसके अलावा वे अधिक ग्राहकों तक पहुंचने के लिए अन्य किसानों को मशरूम फार्म शुरू करने में मदद कर मशरूम फार्मों का एक नेटवर्क बनाना चाहते हैं.

MORE NEWS

Read more!