Success Story: एक सीजन में 3 फसलों की खेती से 7 लाख की इनकम, कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचा यह किसान

Success Story: एक सीजन में 3 फसलों की खेती से 7 लाख की इनकम, कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचा यह किसान

Charkhi Dadri Kisan Pawan: हरियाणा के चरखी दादरी स्थित असावरी गांव के किसान पवन कुमार आज बागवानी और ऑर्गेनिक खेती कर दूसरे अन्नदाताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी. 

Kisan Pawan Kumar (File Photo)Kisan Pawan Kumar (File Photo)
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Feb 14, 2025,
  • Updated Feb 14, 2025, 11:44 AM IST

    हमारे देश के अधिकांश किसान (Farmer) आजकल परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती (Gardening and Organic Farming) कर रहे हैं. ऑर्गेनिक खेती यानी जैविक खेती में लागत और मेहनत कम लगती है. इसके उत्पाद की बाजार में काफी मांग होती है, जिसके कारण ये काफी महंगे बिकते हैं.

    हम आज आपको एक ऐसे हरियाणा के धाकड़ किसान की कहानी बता रहे हैं, जो बागवानी और ऑर्गेनिक खेती कर एक सीजन में लाखों रुपए कमा रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं चरखी दादरी के असावरी गांव के किसान पवन कुमार (Pawan Kumar) की, जिन्होंने दूसरे अन्नदाताओं के लिए मिसाल पेश की है. 

    प्रगतिशील किसानों में होती है गिनती 

    दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने पवन कुमार की गिनती हरियाणा के प्रगतिशील किसानों में होती है. वह बागवानी के साथ ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती करते हैं. वह एक सीजन में तीन-तीन फसलें पैदा करते हैं. इससे उन्हें एक सीजन में प्रति एकड़ 5 से 7 लाख रुपए तक कमाई हो रही है. 

    इतने सालों से कर रहे खेती 

    पवन कुमार पिछले 5 सालों से बागवानी के साथ ऑग्रेनिक सब्जियों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने अपने 9 एकड़ खेत में अमरूद, किन्नू और मौसमी के बाग लगाए हैं. इतना ही नहीं बाग में लगे पेड़ों के बीच ही वह कद्दू, बैंगन, घीया, ककड़ी, तरबूज और खरबूजा की खेती करते हैं. इन्हें बाजार में बेचकर वह अच्छा-खासा मुनाफा कमाते हैं. 

    रसायन का नहीं करते इस्तेमाल

    पवन कुमार अपने ही खेतों में देसी खाद तैयार करके बिना रसायन के खेती करते हैं. इस तरह से वह लोगों को जहर मुक्त फल-सब्जियां बाजार भाव में ही उपलब्ध कराकर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. पवन कुमार बताते हैं कि सरकार की योजनाओं से फल-सब्जियों की खेती करने के लिए सब्सिडी मिल रही है.

    पवन कहते हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए दूसरे किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. पवन क्षेत्र के किसानों को टपका विधि से फसलों को उगाकर पानी बचाने का भी आह्वान कर रहे हैं. पवन को देख आस-पास के किसानों ने भी बागवानी और आर्गेनिक सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी है.  

    कैसे होती है जैविक खेती

    आपको मालूम हो कि ऑर्गेनिक खेती यानी जैविक खेती में रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. ऑर्गेनिक खेती में सिर्फ जैविक खाद और ऑर्गेनिक तरीके से बनाए कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है. इससे पैदवार जहां अच्छी होती है, वहीं जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है. ऑर्गेनिक तरीके से उपजाई गईं सब्जियां और फल सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं.

    ऑर्गेनिक खेती में गोबर की खाद, केंचुआ खाद यानी वर्मी कंपोस्ट, फसलों के बचे हिस्से को सड़ाकर बनी खाद, ढैंचा की बुआई आदि तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इनके प्रयोग से जमीन को प्राकृतिक तौर पर ही नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एक्टीनोमाइसिट्स जैसे जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं. जैविक खेती में फसल को कीड़े और रोगों से बचाने के लिए नीम ऑयल या गौमूत्र में नीम मिलाकर बनाया कीटनाशक को इस्तेमाल किया जाता है. 

    ऑर्गेनिक खेती के लिए सरकारी योजनाएं

    1. परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY)
    2. मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (MOVCDNER)
    3. तिलहन और तेल पाम पर राष्ट्रीय मिशन (NMOOP)
    4. मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के तहत पूंजीगत निवेश सब्सिडी योजना
    5. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)

    जैविक खेती के लिए कैसे मिलता है लोन 

    आप जैविक खेती के लिए लोन भी ले सकते हैं. यह आसानी से मिल जाता है. इसके लिए आपके पास कम से 5 एकड़ जमीन और जैविक खेती करने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. यह लोन कम से कम 3 साल के लिए मिलता है. 5 एकड़ के लिए एक लाख रुपए का लोन मिलता है.

    इसमें 40 फीसदी ऑर्गेनिक इनपुट के लिए और बाकी ट्रेनिंग के लिए मिलता है. किसान को इस लोन में अधिकतम 20 प्रतिशत की सब्सिडी मिल सकती है. हमारे देश में जैविक खेती करने का उद्देश्य एक ऐसे बिजनेस मॉडल को जन्म देना है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो. मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कायम रहे. इसके साथ ही खाद्य पदार्थ केमिकल फ्री हो. इसके जरिए देश के किसानों की आय को वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है.

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