ओडिशा के ITI पास युवा ने सरकारी नौकरी की जगह खेती को चुना, आज 10 लाख है सालाना कमाई

ओडिशा के ITI पास युवा ने सरकारी नौकरी की जगह खेती को चुना, आज 10 लाख है सालाना कमाई

हिरोद पटेल ने पिता के रिटायर होने के बाद अपनी खुद की एक एकड़ जमीन में खेती की शुरुआत की. खेती के बारे में बचपन से ही हिरोद को लगाव था और वह बचपन से ही अपने घर में खेती करते हुए देखते और पिता का भी सहयोग करते थे. इसके जरिए उन्होंने खेती की तकनीक सीखी थी. इसके बाद हिरोद ने खेती शुरू की और इसे आगे बढ़ाया.

केला उत्पादन में ये राज्य है सबसे आगेकेला उत्पादन में ये राज्य है सबसे आगे
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 26, 2024,
  • Updated Feb 26, 2024, 6:38 PM IST

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत टांगरपाली प्रखंड के रतनपुर के एक युवा आज खेती में सफलता की कहानी लिख रहे हैं.आईटीआई पास करने के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी को चुनने की बजाय खेती को चुना. इस युवा किसान का नाम हिरोद पटेल है. वे एक रिटायर्ड सैन्यकर्मी के बेटे हैं. हिरोद ने आईटीआई का कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी नौकरी की बजाय खेती को चुना. इसके जरिए आज हिरोद आत्मनिर्भर बन चुके हैं. खेती के जरिए वे अपने क्षेत्र के कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. साथ ही वे खेती के जरिए साल में 10 लाख रुपये तक कमा रहे हैं. 

हिरोद पटेल ने पिता के रिटायर होने के बाद अपनी खुद की एक एकड़ जमीन में खेती की शुरुआत की. खेती के बारे में बचपन से ही हिरोद को लगाव था और वह बचपन से ही अपने घर में खेती करते हुए देखते थे. वे पिता का भी सहयोग करते थे. इसके जरिये उन्होंने खेती की तकनीक सीखी थी. इसके बाद हिरोद ने खेती शुरू की और खेती के क्षेत्र में काम बढ़ाया. आज उनके खेत में विभिन्न प्रकार की सब्जियां, केला, आम, अमरूद और थाइलैंड सेब बेरी के पौधे हैं. इनसे हर साल अच्छी पैदावार होती है. उन्होंने दावा किया कि आधुनिक तकनीक के साथ वह जो एकीकृत खेती करते हैं, उससे सालाना अच्छी कमाई होती है.

ये भी पढ़ेंः घर में मुर्गीपालन की तकनीक सिखाएगी सरकार, कितनी होगी फीस और कैसे करें अप्लाई-यहां जानें

मछलीपालन की भी शुरुआत की

हिरोद ने खुद को सिर्फ सब्जी और फलों की खेती तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि उन्होंने मछलीपालन की भी शुरुआत की और इसमें सफलता हासिल की. उन्होंने अपने खेतों में तीन तालाब बनवाए और मछलीपालन किया. थोड़े ही समय में उन्हें अपने तालाबों से अच्छी कमाई होने लगी. हिरोद की एकीकृत खेती की तकनीक ने उनके गांव के भी कुछ युवाओं को स्थायी रोजगार दे दिया है. ओडिशा की एक स्थानीय वेबसाइट के अनुसार, हिरोद ने बताया कि बागवानी विभाग की तरफ से उन्हें महाराष्ट्र भेजा गया, जहां पर उन्हें खेती से संबंधित बहुत सारी जानकारी मिली. अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान उन्होंने आधुनिक तकनीक से विभिन्न प्रजातियों के केले उगाने की जानकारी ली. बाद में, उन्होंने बागवानी विभाग और वाटरशेड डिवीजन की ओर से मिले फंड से अपनी भूमि पर तालाब खुदवाए. 

ये भी पढ़ेंः लीची के लिए बेहद नाजुक है यह महीना, इन खास तरीकों से करें फलों की देखभाल

सब्जियों की खेती में होती है अच्छी कमाई

हिरोद बताते हैं कि “अगर मैं धान की खेती करता हूं, तो मैं प्रति वर्ष 25,000 रुपये या 30,000 रुपये कमा सकता हूं. लेकिन, उसी एक एकड़ जमीन पर सब्जी, फल और फूलों की खेती से मुझे सालाना 2 से 2.5 लाख रुपये मिलते हैं. उन्होंने बेरोजगार युवाओं को कृषि को करियर के रूप में चुनने की सलाह भी दी. साथ ही कहा कि  “खेती में करियर का अच्छा अवसर है. हालांकि शुरुआत में मुश्किलें तो आती हैं पर जब आप खेती के बारे में सबकुछ जानने लगते हैं तो फिर चीजें आसान हो जाती हैं. हिरोद ने कहा कि बागवानी अधिकारियों और मृदा संरक्षण विभाग के कर्मचारियों ने भी उनकी खेती की गतिविधियों में उनका बहुत समर्थन किया है.

 

MORE NEWS

Read more!