हमारा देश की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर है. आज खेती में नए-नए तरीकों को किसान अपना रहे हैं. पारंपरिक फसलों की खेती में कम आमदनी होते देख फलों की खेती कर हर साल बंपर कमाई कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले स्थित महंदाबाद गांव के किसान गिरीश चंद्र वर्मा भी केले की खेती से हर साल छप्परफाड़ कमाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं वह दूसरे किसानों को केले की खेती करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं.
दो बीघे से शुरू की थी केले की खेती
किसान गिरीश चंद्र वर्मा बताते हैं कि वे पहले धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थे. इन फसलों की खेती में लागत ज्यादा लगती थी. मेहनत भी खूब करना पड़ता था. इसके बावजूद मुनाफा नहीं हो पाता था. किसी तरह घर-परिवार चल पा रहा था. फिर उन्होंने केले की खेती के बारे में सुनी.
उन्होंने शुरू में दो बीघे में केले की खेती करनी शुरू की. इस फल की खेती से उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा हुआ. इसके बाद उन्होंने एक एकड़ में केले की खेती करनी शुरू कर दी. वह जी-9 किस्म के केले का उत्पादन कर रहे हैं. उन्हें इस केले की एक एकड़ खेती करने में करीब 90 हजार रुपए खर्च आते हैं. वह केले की सिर्फ एक फसल को बेचकर 5 लाख रुपए से ऊपर तक का मुनाफा कमा रहे हैं.
कैसे करें केले की खेती
किसान गिरीश चंद्र वर्मा बताते हैं कि केले की खेती करना बहुत ही आसान है. केला रोपने से पहले ढेंचा, लोबिया जैसी हरी खाद की फसल उगाई जानी चाहिए. फिर उसको जमीन में गाड़ देना चाहिए. ये मिट्टी के लिए खाद का काम करती हैं.
वह बताते हैं कि केले की खेती करने के लिए वह गोबर के खाद का भी इस्तेमाल करते हैं. इसकी खेती के लिए चिकनी बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. वह बताते हैं लगभग 13-14 महीने में केले की फसल तैयार हो जाती है. केले की एक बार खेती करने से दो सालों तक फसल निकलती है.
खेत की अच्छी तरह करें सिंचाई
किसान गिरीश चंद्र वर्मा बताते हैं कि केले की खेती के लिए पहले खेत की अच्छी तरह से तीन-चार बार जुताई की जाती है. अंतिम जुताई के समय गोबर की खाद डालें. फिर दो-दो फीट पर केले के पौधे लगाए जाते हैं. इसके बाद जब केले के पेड़ थोड़े बड़े हो जाते हैं तो इनकी सिंचाई की जाती है.
इसके बाद जब जरूरत हो तब खाद-पानी देते रहना चाहिए. केले की खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय मध्य फरवरी से मार्च का पहला हफ्ता होता है. हमारे देश में केले की लगभग 500 किस्में उगायी जाती हैं. केला का पौधा बिना शाखाओं वाला कोमल तना से निर्मित होता है.