UP News: भारतीय संस्कृति में गाय के गोबर (Cow Dung) का महत्व बहुत अधिक है. पूजा-पाठ से लेकर हर छोटी-बड़ी धार्मिक चीजों में गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी गाय के गोबर का उपयोग विभिन्न चीजों में किया जाता है. इसी कड़ी में अमेठी (Amethi News) के भादर विकासखंड की रहने वाली संजू देवी स्वामी महिला स्वयं सहायता से जुड़ी हुई हैं. संजू देवी अपनी मेहनती महिलाओं के साथ गोबर के पेंट, राखी, मूर्तियों के साथ अन्य प्रोडक्ट तैयार करती हैं. इनके समूह में लगभग 25 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. 26 जनवरी के दिन संजू को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सम्मानित करेंगी. वहीं संजू देवी ने रोजगार से जुड़ने के साथ-साथ इन्होंने कई महिलाओं को भी रोजगार दिया है.
किसान तक से बातचीत में संजू देवी ने बताया कि इस समूह का गठन करीब 5 वर्षों पहले हुआ था. उन्होंने बताया कि जब उन्हें यह निमंत्रण मिला तो बहुत खुशी हुई. समूह को संचालित करना एक बड़ी चुनौती है. गांव की महिलाओं को जागरूक करना फिर उन्हें समूह में जोड़ना, यह सब काम बड़े कठिन थे. लेकिन मैंने बिना किसी समस्या के इन कार्यों को किया. इसके साथ ही हम यूनिक प्रोडक्ट तैयार करते हैं. इस वजह से भी हमें राज्यपाल महोदय ने आमंत्रित किया है. हमें बहुत खुशी है कि हम सम्मानित होंगे. उन्होंने कहा कि अन्य महिलाएं भी समूह से जुड़कर अपनी पहचान को आगे बढा सकती हैं.
बता दें कि अमेठी की रहने वाली संजू देवी ने परास्नातक तक की पढ़ाई की है. इनको बहुत पहले ही काम की तलाश थी और उन्होंने कुछ करने की ठानते हुए समूह का संचालन कर डाला. समूह में अपनी खास पहचान की वजह से अब राज्यपाल से उन्हें सम्मान मिलेगा. यह पहला मौका नहीं है कि संजू देवी को प्रदेश स्तर पर सम्मान मिल रहा है. संजू देवी को केंद्र के साथ-साथ प्रदेश स्तर पर करीब पांच बार सम्मान मिल चुका है. जनपद स्तर के साथ-साथ मंडल स्तर के विभिन्न कार्यक्रमों में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में भी उनके प्रोडक्ट को देखते हुए प्रथम पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
शास्त्रों में गाय के गोबर को सोना कहा गया है. यह न सिर्फ वास्तु के हिसाब से शुभ है बल्कि गाय के गोबर का उपयोग कीड़ों को भगाने के लिए भी किया जाता है. ऐसे में गाय के गोबर का उपयोग अब घरों को सुंदर बनाने के साथ-साथ उन्हें कीड़ों से बचाने के लिए भी किया जाता है.
पहले के समय में लोग गाय के गोबर का उपयोग घर और वातावरण को शुद्ध करने के लिए करते थे. गाय के गोबर को कपूर तथा अन्य प्रकार की लकड़ियों के साथ मिलाकर जलाया जाता था ताकि वातावरण शुद्ध हो सके. वहीं आज के समय में लोग अपने घरों में अगरबत्ती जलाकर घर को शुद्ध करते हैं. जिसके कारण अगरबत्ती की मांग हमेशा बनी रहती है.
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