महाराष्ट्र के बीड जिले में अनिल बड़े मनके नाम का एक किसान बीमार था. उसका ऑपरेशन हुआ था. उन्हें देखने के लिए उनके कुछ दोस्त उस्मानाबाद से आये थे. वो साथ में मनके के लिये ड्रैगन फ्रूट लाये थे. ड्रैगन फ्रूट देखने के बाद किसान मनके के मन में इसकी खेती करने का विचार आया. इस घटना ने किसान की किस्मत चमका दी. ड्रैगन फ्रूट देखने के बाद उन्होंने उसे यूट्यूब पर सर्च करके जानकारी ली. किसान ने 4.5 एकड़ में ड्रैगन फूड की खेती शुरू कर दी.
किसान का कहना है कि इसकी खेती से करीब दो साल में 30 लाख की कमाई हो चुकी है. बीड जिला महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में शामिल है. इसलिए खेती में उन्नति नहीं होती है. जिसके कारण किसान आत्महत्या करते हैं. किसान मनके ने नई तकनीक का उपयोग करके ड्रैगन फल की खेती की है. मनके ने बताया कि एक बार ड्रैगन फल का बाग लगाने बाद यह लंबे समय तक चलता है. कम पानी में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है. इसलिए यहां के किसानों के लिये ड्रैगन फ्रूट की खेती फायदेमंद रहेगी.
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अनिल बड़े के पास उनके गांव चोपनवाड़ी में 30 एकड़ जमीन है. उन्होंने 27 जून 2021 में सवा दो एकड़ में ड्रैगन फ्रूट को लगाया था. जिसमें प्रति एकड़ पांच लाख रुपये की लागत आई थी. उन्होंने 10 बाय 7 फीट की जगह में 5000 पौधे लगाए. पहले साल में ही उन्हें 10 लाख की आमदनी मिली थी. इसके बाद उन्होंने इसकी खेती का दायरा बढ़ा दिया. इससे उन्हें और ज्यादा फायदा हुआ.
अनिल बड़े के बेटे प्रशांत ने बताया कि इस साल दो एकड़ में दो आठ हजार ड्रैगन के पौधे लगाए हैं. जिसमे जीवा अमृतस्लारी के साथ गोबर की खाद दी गई है. प्रशांत ने बताया कि अभी हम लोग ड्रैगन फ्रूट हम सूरत, रायपुर, नागपुर और मुंबई जैसे बड़े शहरों में बेच रहे हैं. किसान ने बताया कि दो साल में 30 लाख रुपये का अच्छा मुनाफा हुआ है.आगे और भी बड़ा मुनाफा होने की उम्मीद है.
इस किसान की खेती देखकर अब दूसरे किसान भी इसकी खेती करके अच्छी आय कर रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट को कमलम भी कहते हैं. अब भारत में बड़े पैमाने पर इसकी खेती हो रही है. ड्रैगन फ्रूट को रेतीले दोमट मिट्टी और दोमट मिट्टी में उगाया जाता है. इसकी खेती के लिए 5 से 7 पीएच तक की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.
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