योगी सरकार ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में हर घर को नल से पेयजल देने के लिए जल जीवन मिशन को हथियार बनाया है. राज्य सरकार ने इस मिशन के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को यथाशीघ्र हासिल करने की ओर बढ़ते हुए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को राज्य के 1 करोड़ 50 लाख 27 हजार 692 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से जोड़ने का दावा किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर चलाए गए विशेष अभियान के तहत यूपी की 9 करोड़ ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल का अब तक का सबसे बड़ा तोहफा मिला है. सीएम योगी ने इस उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने का भी ऐलान किया है.
यूपी सरकार ने जल जीवन मिशन को तेजी से आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण इलाकों में प्रतिदिन 40 हज़ार से अधिक नल कनेक्शन देने की गति हासिल कर ली है. इसे अहम उपलब्धि बताते हुए सरकार ने दावा किया है कि इस गति को प्राप्त करने के कारण ही एक दिन में रिकॉर्ड कनेक्शन देने में कामयाबी मिली है.
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योगी सरकार का दावा है कि यूपी, ग्रामीण इलाकों में नल कनेक्शन देने के मामले में कम समय में लक्ष्य हासिल करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. साथ ही यूपी में जल जीवन मिशन का लाभ पाने वालों में ग्रामीण ही नहीं, बल्कि शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं.
इस मिशन के तहत ग्रामीणों के साथ ही 1 लाख 09 हजार 516 से स्कूलों और 1 लाख 54 हजार 440 आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इसका सीधा लाभ स्कूली बच्चों को मिलगा.
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योगी सरकार का कहना है कि जल जीवन मिशन की मदद से ग्रामीण इलाकों को जल आपूर्ति सुविधा से तो जोड़ा ही गया है, साथ ही इससे गांव के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिलने के अलावा रोजगार भी मिल रहा है. इस मिशन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में 1 लाख 16 हजार 366 युवाओं को प्लंबिंग, इतने ही युवाओं को इलेक्ट्रीशियन, मोटर मैकेनिक और फिटर का काम मिला है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 लाख 74 हजार 549 युवाओं को राजमिस्त्री और 1.16 लाख युवाओं को पम्प ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार की दलील है कि जल जीवन मिशन पूरा होने के बाद तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा अपने गांव में पानी की सप्लाई में आने वाली समस्याओं को दूर करेंगे.
इस मिशन में महिलाओं को भी स्वावलंबी बनने का अवसर मिला है. इसके तहत 4 लाख 80 हज़ार महिलाओं को पानी की गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. ये महिलाएं गांव-गांव जाकर नल से सप्लाई हो रहे पानी की गुणवत्ता की जांच कर रही हैं.