उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने योजना भवन में कहा कि वह उत्तर प्रदेश के गांव को गुजरात की तर्ज पर स्मार्ट बनाएंगे. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के विकास कार्यों को लेकर विकास कार्यो की समीक्षा भी की. प्रदेश के कुछ जिले जो विकास कार्य से पीछे रह गए हैं उनके विकास के लिए अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है. विकास से पीछे रहे जिले व ग्राम के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं. अधिकारियों को गांव-गांव और जिले जिले के निरीक्षण के लिए भेजा जा रहा है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत की आत्मा गांव में बसती है.इसलिए गांव में विकास की नई क्रांति लानी है. उन्होंने गांव में स्वच्छता व जन सुविधाओं के लिए गुजरात मॉडल पर कार्य करने के निर्देश भी दिए.
यूपी के गांवो में स्वच्छता व जन सुविधाओं के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुजरात मॉडल पर कार्य करने के निर्देश दिए. प्रत्येक ब्लॉक में विकास कार्यो में पिछड़ी 10 ग्राम पंचायतों का चयन कर विकास खण्डों की तरह वहां विकास कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. सभी जिलों के सी.डी.ओ महीने में कम से कम एक बार जिले की ऐसी सबसे पिछड़ी ग्राम पंचायत का जरूर निरीक्षण करें और वहां ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर विकास योजनाओं को ढंग से लागू करने का प्रयास करें।
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यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण जीवन के उत्थान के लिए संकल्पित है और ग्रामीण जीवन के उत्थान के लिए प्रयास भी जारी हैं. ग्रामीण समाज का ऐसा वर्ग जो लंबे समय से उपेक्षित रहा है और समाज की मुख्य धारा से अलग था उसे मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाएं संचालित हो रही हैं जिनका बड़ी संख्या में लाभ गांव के गरीब परिवारों को दिया जा रहा है. बेघर को पक्की छत उपलब्ध कराना हो, अर्धकुशल श्रमिकों को रोजगार देना हो या ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराना हो, गांव को पक्के मार्ग से जोड़ना हो, विभाग की तरफ से पूरी पारदर्शिता व लगन के साथ काम किया जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पत्र व्यक्ति तक पहुंचे इसमें मुख्य विकास अधिकारियों और संयुक्त विकास आयुक्त की महत्वपूर्ण भूमिका है. बैठक में उपस्थित मुख्य अधिकारियों और संयुक्त विकास आयुक्त को उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मुख्य विकास अधिकारी और संयुक्त विकास आयुक्त पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ कम करें. सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के निचले पायदान पर स्थित जरूरतमंद लोगों को दिलाएं.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की कई योजनाओं में जो महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं उन्हें भी गिनाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी बेघर परिवारों और कच्चे जीर्णशीर्ण मकान में रह रहे परिवारों को साल 2024 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्का मकान उपलब्ध कराना है. साल 2016-17 से साल 2019-20 तक एसईसी 2011 के आधार पर आवास का आवंटन किया गया है. साल 2020-21 से आवास प्लस की स्थाई पात्रता सूची से आवास का आवंटन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश आवास प्लस के लक्ष्य प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य है.
साल 2023-24 में 1.44 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य मिला है जिसे जनपदों की तरफ से स्वीकृत कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत फरवरी 2018 से संचालित हुई इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा कालाजार से प्रभावित वनटांगिया, मुसहर, सहरिया थारू, पसिया, गढ़िया, लुहार, नट, दिव्यांगजन वर्ग के परिवार, कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवार और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पात्रता सूची में शामिल होने से वंचित छतविहीन और आश्रयविहीन कच्चे और जर्जर आवास में रह रहे परिवार योजना की पात्रता श्रेणी में शामिल किए गए हैं. साल 2018-19 से लेकर 2022-23 तक कुल 1.62 लाख मुख्यमंत्री आवास आवंटित किए गए हैं जिसके सापेक्ष 1.52 लाख आवास पूर्ण शेष आवास निर्माणधीन है. साल 2018-19 से 2022-23 तक श्रेणी वार मुख्यमंत्री आवास का आवंटन किया गया है. साल 2023-24 में 95533 लाभार्थियों को आवास आवंटित किया जाना है. लाभार्थियों के आवास सॉफ्ट पर रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई हो रही है. इनमें दिव्यांग जनों की संख्या लगभग 65 हजार है.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 11,860 किलोमीटर का कार्य पूरा करते हुए 1,401 मार्गो और चार पुलो का निर्माण कराया जा चुका है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में पहली बार एफडीआर तकनीक से ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. प्रदेश में ग्राम चौपाल के माध्यम से अब तक 44,647 ग्राम पंचायत में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा चुका है. जिससे 274721 प्रकरण सामने आए हैं जिम 223465 प्रकरण का निस्तारण भी किया जा चुका है. ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 8,37,104 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं. वर्ष 2023-24 में 56,734 स्वयं सहायता समूह को बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से 480.28 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है.